कोटा। राजस्थान के कोटा में बुधवार को 5 घंटे के भीतर दो छात्रों की आत्महत्या ने कोचिंग हब को झकझोर कर रख दिया। सुबह 9 बजे नीट की तैयारी कर रही 24 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या की खबर आई। इसके कुछ ही घंटे बाद, दोपहर 2 बजे जेईई की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र को उसके कमरे में मृत पाया गया।
नीट की तैयारी कर रही मृतक छात्रा गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली थी, जबकि जेईई के लिए कोटा आए मृतक छात्र का संबंध असम से था। दोनों ही छात्रों के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
मां के सामने बेटे की मौत से गहरा सदमा
जानकारी के मुताबिक, जेईई की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र की मां बुधवार दोपहर अपने बेटे से मिलने कोटा पहुंचीं। जब उन्होंने बेटे के कमरे का दरवाजा खोला, तो उसे फांसी के फंदे पर लटका पाया। बेटे को इस स्थिति में देखकर मां बेहोश हो गईं। आसपास के लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने छात्र को मृत घोषित कर दिया।
जनवरी में अब तक 6 छात्र कर चुके हैं आत्महत्या
इस साल जनवरी के 22 दिनों में कोटा में आत्महत्या के 6 मामले सामने आ चुके हैं।
7 जनवरी: हरियाणा के महेंद्रगढ़ के नीरज जाट ने सुसाइड किया।
8 जनवरी: मध्य प्रदेश के गुना के अभिषेक अपने पीजी में मृत पाए गए।
16 जनवरी: उड़ीसा के अभिजीत गिरी ने हॉस्टल में जान दी।
17 जनवरी: बूंदी के एक छात्र ने खिड़की के कुंडे से लटककर सुसाइड किया।
22 जनवरी: अहमदाबाद की 24 वर्षीय छात्रा और असम के 18 वर्षीय छात्र ने अपनी जान दी।
शैक्षणिक दबाव बना आत्महत्या की वजह
कोटा देश का सबसे बड़ा कोचिंग हब है, जहां लाखों छात्र नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। हालांकि, यहां छात्रों पर बढ़ता शैक्षणिक दबाव और मानसिक तनाव एक गंभीर समस्या बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर परिणाम के दबाव और अपेक्षाओं के कारण छात्र मानसिक रूप से टूट रहे हैं।
पिछले साल भी दर्ज हुए थे कई मामले
साल 2024 में कोटा में 19 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 29 तक पहुंच गया था। प्रशासन ने आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई उपाय किए थे, जैसे कि हॉस्टल में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाना और छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करना। इसके बावजूद घटनाओं का सिलसिला रुक नहीं पाया है।
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