
इंदौर। मध्य प्रदेश की बेटी और महिला बॉडीबिल्डर वंदना ठाकुर ने कर्नाटक के बेलगाम में आयोजित नेशनल बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप 2025 में गोल्ड मेडल जीतकर मिस इंडिया बॉडीबिल्डर का खिताब अपने नाम किया। यह चैंपियनशिप 14 से 16 जनवरी 2025 तक आयोजित हुई, जिसमें देशभर के 2000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। वंदना ने अपने प्रदर्शन से मध्य प्रदेश का नाम रोशन करते हुए राष्ट्रीय खिताब जीता।
एशियाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जीते पदक
इंदौर की रहने वाली वंदना ठाकुर अब तक एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल और अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। वह मध्य प्रदेश की इकलौती महिला बॉडीबिल्डर हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। इसके अलावा, वह इंदौर की स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर और राज्य की बॉडीबिल्डिंग ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
आर्थिक संकटों से जूझ रहीं वंदना
वंदना ठाकुर की आर्थिक स्थिति बेहद कठिन है। प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने और अपनी प्रैक्टिस के लिए आवश्यक डाइट का खर्च उठाने में उन्हें कठिनाई होती है। वंदना की कोच गीतांजलि ने बताया कि उनकी आर्थिक परेशानियों के चलते वह इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए जरूरी प्रैक्टिस नहीं कर पातीं।
मुख्यमंत्री से आर्थिक मदद की अपील
वंदना ठाकुर ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अपील की है कि उन्हें अन्य राज्यों की तरह स्पॉन्सरशिप और आर्थिक मदद दी जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में कर्नाटक में आयोजित प्रतियोगिता में जाने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे। अपने गुरु अजय तिवारी और शुभचिंतकों के सहयोग से वह प्रतियोगिता में पहुंचीं और गोल्ड मेडल जीता।
संघर्षों से भरा रहा वंदना का सफर
वंदना का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उनके माता-पिता का बचपन में ही देहांत हो गया था। पिता आर्मी में थे और देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए। मां का देहांत कैंसर से हो गया। वंदना ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण गोली-बिस्किट और अगरबत्ती तक बेचीं।
उनकी पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई, लेकिन किताबें खरीदने के पैसे न होने के कारण उन्होंने कबाड़ की दुकानों से पुरानी कॉपियों का इस्तेमाल किया। वंदना का सपना ओलंपिक में खेलने का था, लेकिन आर्थिक परेशानियों के कारण वह क्रिकेट और कराटे जैसे खेलों को जारी नहीं रख सकीं।
पावरलिफ्टिंग और बॉडीबिल्डिंग में मिली सफलता
वंदना ने बच्चों को पढ़ाकर पैसे जमा किए और पावरलिफ्टिंग शुरू की। 2017 में उन्होंने पावरलिफ्टिंग में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने बॉडीबिल्डिंग में कदम रखा और बीते 10 वर्षों में कड़ी मेहनत के दम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते।
ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने का सपना
वंदना का सपना है कि वह एक दिन ओलंपिक में देश का नाम रोशन करें। इसके लिए वह निरंतर मेहनत कर रही हैं। सरकार और समाज से उन्हें इस दिशा में सहयोग की अपेक्षा है ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सकें और भारत को गर्व महसूस करा सकें।
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