Manisha Dhanwani
15 Nov 2025
मेक्सिको सिटी। नेपाल में Gen Z आंदोलन के बाद अब मेक्सिको में युवा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। बढ़ती अपराध दर, भ्रष्टाचार और सरकारी कानून की बेपरवाही के खिलाफ शनिवार को हजारों लोगों ने राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया। यह गुस्सा एक मेयर की सार्वजनिक हत्या के बाद और भड़क गया।
हाल ही में मिचोआकान राज्य के उरुआपान के मेयर कार्लोस मान्जो की हत्या ने लोगों में गुस्सा भड़का दिया। मेयर मान्जो ड्रग तस्करी करने वाले गिरोहों के खिलाफ अभियान चला रहे थे और उनकी हत्या ने सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया। 1 नवंबर को उनकी एक प्रोग्राम के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
Gen Z (18-29 वर्ष) के युवाओं ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया, लेकिन प्रदर्शन में अन्य आयु वर्ग के लोग और विपक्षी दलों के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। युवा प्रदर्शनकारियों ने पाइरेट स्कल झंडा और अन्य प्रतीक हाथ में लेकर अपना विरोध जताया।

मेक्सिको सिटी में प्रदर्शनकारियों ने नेशनल पैलेस के आसपास बैरिकेड तोड़े। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरों, हथौड़े, पटाखों, लाठियों और जंजीरों से हमला किया। पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और बल प्रयोग किया। इस दौरान 100 पुलिस अधिकारी घायल हो गए, जिनमें से 40 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा 20 आम नागरिक घायल हुए हैं। 20 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और 20 को प्रशासनिक अपराधों के लिए भेजा गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में घायल लोगों की मदद डॉक्टरों और इमरजेंसी रेस्क्यू कर्मचारियों ने की, जो स्वयं भी मार्च में शामिल थे।
उधर, राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम पर Gen Z ने ड्रग कार्टेल के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए। शीनबाम अमेरिकी नीतियों और वेनेजुएला के समर्थन के लिए भी जानी जाती हैं।

हालांकि, अक्टूबर 2024 से सत्ता में आने के बाद शीनबाम की लोकप्रियता लगभग 70% बनी हुई है, लेकिन बढ़ते अपराध दर और हाई-प्रोफाइल हत्याओं ने उनकी सुरक्षा नीतियों की आलोचना बढ़ा दी है। पूर्व राष्ट्रपति विसेंट फॉक्स और उद्योगपति रिकार्डो सालिनास प्लीगो ने प्रदर्शन का खुला समर्थन किया। वहीं कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने विरोध से अपना समर्थन वापस ले लिया।
बांग्लादेश, नेपाल और अफ्रीकी देशों में भी Gen Z के नेतृत्व में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए हैं। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता से जूझ रही यह युवा पीढ़ी अब केवल विरोध तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकारों में बदलाव भी ला रही है। पिछले एक साल में केन्या, मेडागास्कर, मोरक्को और बोत्सवाना जैसे देशों में Gen Z के नेतृत्व में व्यापक प्रदर्शन देखे गए। मेडागास्कर में राष्ट्रपति को हटाना पड़ा, मोरक्को में सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा और केन्या में सरकार झुक गई। वहीं बोत्सवाना में युवाओं ने मतदान के जरिए 60 साल पुरानी सत्ता को बदल दिया। सोशल मीडिया की मदद से संगठित यह पीढ़ी अब लोकतंत्र, जवाबदेही और रोजगार के नए मानदंड स्थापित कर रही है।