Naresh Bhagoria
15 Nov 2025
Aakash Waghmare
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Aditi Rawat
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जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत एसएमएस स्टेडियम में एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य एवं एकात्मक मानव दर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि मनुष्य जाति का विकास तो हो रहा है लेकिन मनुष्य का अस्तित्व रहेगा या नहीं विकट प्रश्न है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 4 फीसदी लोग विश्व की 80 फीसदी संसाधनों का उपभोग कर रहे हैं। दुनिया में अमीर और अमीर होता जा रहा है, गरीब और गरीब होता जा रहा है।
डॉ. भागवत ने कहा कि राष्ट्रीयता के कारण दुनिया में युद्ध हो रहे हैं. पर्यावरण का विनाश तेज गति से हो रहा है। बलवानों की लड़ाई के कारण बाकियों को कष्ट उठाना पड़ रहा है। वैश्विक समुदाय को इन समस्याओं का उपाय भारत से मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एकात्मक मानव वाद 60 वर्ष का हो गया है। सनातन तत्व के प्रकाश में आज की स्थिति का विश्लेषण जरूरी है। आज वैश्विक स्तर पर हो रहे युद्धों के तरीके बदले हैं। जितनी दवाइयां निकली उतनी ही बीमारियां निकली हैं। कुछ बीमारियां दवाइयों के कारण ही होती हैं। मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है।
इससे पहले शुक्रवार को सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा था कि संघ किसी को नष्ट करने के लिए नहीं, बल्कि समाज को संगठित करने के लिए काम करता है। डॉ. भागवत बोले-भारत की पहचान संस्कृति के आधार पर है और हिंदू शब्द सबको जोड़ने वाला है। भागवत संघ के शताब्दी वर्ष पर आयोजित उद्यमी संवाद: नए क्षितिज की ओर कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए उसकी शाखा में आकर प्रत्यक्ष अनुभव लेना चाहिए। भागवत ने कहा कि संघ पूरे समाज को जोड़कर ऐसा वातावरण बनाना चाहता है, जहां लोग निस्वार्थ भाव से देश के लिए कार्य करें।