Manisha Dhanwani
16 Nov 2025
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने सिर्फ राजनीतिक पटल पर हलचल नहीं मचाई, बल्कि लालू परिवार के भीतर भी भूचाल ला दिया। महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने चौंकाने वाला कदम उठाया। उन्होंने न केवल राजनीति से दूरी बनाने की घोषणा की, बल्कि अपने ही परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया। रोहिणी ने इस फैसले के पीछे तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव और रमीज को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही उनपर घर से बाहर निकालने और गालियां देने जैसे आरोप भी लगाए हैं।
यह फैसला सिर्फ चुनाव की हार का परिणाम नहीं, बल्कि लालू परिवार में बढ़ते अंदरूनी तनाव और पावर स्ट्रगल का खुलासा भी है। जिसने बिहार की राजनीति और RJD के भविष्य पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
रोहिणी ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि, तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी संजय यादव और रमीज ने उन्हें यह कदम उठाने को कहा। रोहिणी ने कहा कि, मेरा अब कोई परिवार नहीं है। जब उन्होंने पार्टी की हार और अंदरूनी फैसलों पर सवाल उठाए, तो उन्हें अपमानित किया गया।
उन्होंने कहा कि, जैसे ही संजय यादव और रमीज का नाम लिया, उन्हें घर से निकाल दिया गया, गालियां दी गईं। इसके साथ ही कहा कि, सवाल पूछोगे तो गाली दी जाएगी, चप्पल से मारा जाएगा।
इससे एक दिन पहले, शनिवार को उन्होंने अपने पोस्ट में कहा था, मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से दूरी बना रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही कदम उठाने को कहा और मैं पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रही हूं। यानी वह हार का दोष अपने ऊपर ले रही हैं। रोहिणी ने अपनी पोस्ट के माध्यम से यह भी जाहिर किया कि, पार्टी के फैसले संजय यादव और रमीज के नियंत्रण में हैं। संजय यादव राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के रणनीतिक सलाहकार माने जाते हैं।
इसके पहले सितंबर में रोहिणी ने संजय यादव को लेकर बढ़ते विवाद के चलते परिवार और पार्टी के सभी सदस्यों को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया था, जिससे राजद के भीतर चल रहे अंदरूनी तनाव के संकेत मिले थे।
रोहिणी लालू यादव और राबड़ी देवी की सात बेटियों और दो बेटों में दूसरे नंबर की संतान हैं।
जन्म: 1979, पटना
शिक्षा: MBBS, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर
पेशा: डॉक्टर
पति और तीन बच्चों के साथ सिंगापुर में रहती हैं। 2022 में पिता को किडनी डोनेट कर सुर्खियों में आईं। 2024 में सारण से लोकसभा चुनाव लड़ी, लेकिन हार गईं। RJD के डिजिटल और चुनावी मोर्चे पर सक्रिय रहती हैं। रोहिणी को अक्सर पार्टी और परिवार का डिजिटल चेहरा माना जाता रहा है। चुनाव के दौरान वे RJD समर्थकों का उत्साह बढ़ाने में सबसे आगे रही हैं।
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रोहिणी ने पहले भी परिवार और पार्टी के फैसलों पर सवाल उठाए हैं।
सितंबर 2025: अपने X अकाउंट से 58 नेताओं और परिवार के सदस्यों को अनफॉलो किया।
18 सितंबर 2025: संजय यादव के फ्रंट सीट पर बैठने को लेकर पोस्ट शेयर किया, बाद में डिलीट कर दिया।
'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान बस में फ्रंट सीट पर संजय यादव के बैठने पर असहमति जताई। विश्लेषकों का कहना है कि, ये संकेत थे कि रोहिणी कई महीनों से पारिवारिक और राजनीतिक दबाव महसूस कर रही थीं।
14 नवंबर 2025 को RJD को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। अगले ही दिन, 15 नवंबर को रोहिणी ने परिवार और राजनीति से दूरी बनाने का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि यह कदम उन्होंने संजय यादव और रमीज के दबाव में उठाया और हार का पूरा जिम्मा अपने ऊपर ले रही हैं।
मई 2025 में लालू यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर किया। उस समय रोहिणी ने पिता के फैसले का समर्थन किया। अब उन्होंने खुद से पहल करते हुए परिवार और पार्टी से दूरी बनाई। इससे साफ होता है कि, 15 नवंबर का निर्णय कई महीनों की नाराजगी और असहमति का परिणाम है।
संजय यादव: राज्यसभा सांसद, तेजस्वी यादव के करीबी, टिकट और चुनावी रणनीति में अहम।
रमीज: यूपी के बलरामपुर निवासी, जेल में बंद पूर्व सांसद के दामाद, RJD का सोशल मीडिया और चुनाव संचालन संभालते हैं।
रोहिणी ने इन दोनों को सीधे निशाने पर लिया, जिससे परिवार और पार्टी में अंदरूनी तनाव बढ़ गया।