Aakash Waghmare
10 Oct 2025
तेल अवीव। गाजा में दो साल से जारी खूनी संघर्ष के बीच आखिरकार शांति की एक किरण दिखाई दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच गुरुवार को ऐतिहासिक युद्धविराम समझौता हुआ। इस समझौते के तहत दोनों पक्षों ने युद्ध रोकने, बंधकों की रिहाई और सेना की सीमित वापसी पर सहमति जताई है। हमास 2023 में पकड़े गए सभी 20 जीवित इजरायली बंधकों को 72 घंटे में रिहा करेगा।
यह समझौता मिस्र के पर्यटन स्थल शर्म अल-शेख में हुई अप्रत्यक्ष बातचीत के बाद हुआ। ट्रंप प्रशासन की 20 बिंदुओं वाली शांति योजना का यह पहला चरण है। इस योजना का उद्देश्य दो वर्षों से चल रहे भीषण युद्ध को खत्म करना और गाजा क्षेत्र में स्थायी शांति बहाल करना है।
तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में बंधकों के परिवार एकत्रित हुए और एक-दूसरे को गले लगाकर खुशी मनाई। बंधक मतान की मां ऐनाव ज़ाउगाउकर ने कहा- “मैं शब्दों में खुशी बयां नहीं कर सकती। दो साल बाद आखिरकार उम्मीद लौटी है।”
इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने गुरुवार देर रात बैठक कर ट्रंप की शांति योजना को मंजूरी दे दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकांश मंत्रियों ने समझौते के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दक्षिणपंथी सहयोगियों ने इसका विरोध किया। वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने कहा- “बंधकों की वापसी जरूरी है, लेकिन हमास को पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते की घोषणा करते हुए कहा- “यह कदम सिर्फ गाजा या इजरायल के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति का संदेश है।” उन्होंने इसे “ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण उपलब्धि” बताया और कहा कि अमेरिका दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर शांति समझौते पर बधाई दी। इजरायल प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि नेतन्याहू ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया और दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। इजरायल ने कहा कि भारत की कूटनीतिक भूमिका और समर्थन इस शांति प्रक्रिया में “मित्रता का प्रतीक” है।
हालांकि युद्धविराम लागू हो चुका है, लेकिन हमास के भविष्य और गाजा के शासन को लेकर अभी सहमति नहीं बनी है। यही आने वाले महीनों की सबसे बड़ी चुनौती होगी। ट्रंप की योजना के अगले चरणों में यह तय किया जाएगा कि युद्ध के बाद गाजा का प्रशासन कौन संभालेगा। स्थानीय शासन, संयुक्त अरब नेतृत्व या अंतरराष्ट्रीय निगरानी के तहत नई व्यवस्था होगी।