Shivani Gupta
10 Dec 2025
लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान अमित शाह और राहुल गांधी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। अमित शाह ने कहा कि बीजेपी बहस से नहीं भागती, जबकि राहुल ने वोट चोरी पर चर्चा की चुनौती दी। दोनों नेताओं के बीच जवाब–तकरार के बीच चुनाव आयोग की भूमिका, मतदाता सूची और संवैधानिक अधिकारों पर भी बड़ा विवाद देखने को मिला।
अमित शाह के बोलते ही विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी सीट से खड़े हुए और बोले- मैं आपको चैलेंज करता हूं कि मेरी वोट चोरी वाली तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चर्चा करें। इस पर शाह ने कहा कि वे 30 साल से लगातार विधानसभा और लोकसभा से चुनकर आते रहे हैं और संसदीय व्यवस्था में लंबा अनुभव रखते हैं। उन्होंने कहा कि उनके भाषण का क्रम राहुल गांधी तय नहीं कर सकते।
शाह ने कहा कि राहुल गांधी को धैर्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं हर बात का जवाब दूंगा, लेकिन मेरे भाषण की क्रमवार बातें मैं तय करूंगा, नेता प्रतिपक्ष नहीं। उनके उकसावे में नहीं आऊंगा। उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया गांधी से जुड़े मुद्दों का जवाब अदालत में दिया जाना चाहिए, संसद में नहीं।
राहुल गांधी ने शाह के जवाब को ‘डरा हुआ और घबराया हुआ रिस्पॉन्स’ बताया। इस पर शाह ने कहा कि राहुल के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही हैं कि वे अपने भाषण में क्या बात उठाएंगे।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल बोले- सोनिया गांधी ने उस चुनाव में वोट तक नहीं दिया था। गलत और भ्रामक बातें कही जा रही हैं। इसे सिद्ध करके दिखाएं।
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष की नई परंपरा चुनाव आयोग पर लगातार आरोप लगाने की बन गई है। उन्होंने कई नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि ममता बनर्जी, स्टालिन, राहुल गांधी, खड़गे, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन और भगवंत मान- सभी चुनाव आयोग पर सवाल उठा चुके हैं। शाह ने पूछा कि अगर मतदाता सूची ही करप्ट थी, तो फिर आपने शपथ क्यों ली?
शाह ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। मतदाता सूची बनाना और उसमें सुधार करना भी चुनाव आयोग का काम है। संविधान के अनुच्छेद 325 के अनुसार किसी भी योग्य मतदाता को सूची से बाहर नहीं रखा जा सकता।
अनुच्छेद 326 के मुताबिक, मतदाता भारत का नागरिक होना चाहिए, उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए।
शाह ने कहा कि संविधान चुनाव आयोग को पूरी शक्ति देता है और इसके अधिकारों पर सवाल उठाना गलत है।