Shivani Gupta
9 Dec 2025
इंदौर 00 तेज रफ्तार और अंधाधुंध भागती कारों पर अब इंदौर पुलिस लोहे की लगाम डालने जा रही है। शहर की सड़कों पर लगातार बढ़ते हादसों, स्ट्रीट रेसिंग और नो-स्टॉप वाहनों के खतरे को देखते हुए पुलिस के पास अब नया हथियार आ गया है। स्पाइक स्ट्रिप, यह वही घातक स्ट्रिप है जो अनियंत्रित और बेलगाम वाहनों के टायर पलभर में पंचर कर गाड़ी को रोक देती है, ताकि सड़क पर मौत बनकर दौड़ने वाले ऐसे वाहन किसी निर्दोष राहगीर को अपनी चपेट में न ले सकें। विदेशी पुलिस मॉडल की तर्ज पर अब इंदौर पुलिस मध्यप्रदेश में अपराधियों और तेज गति से भागने वाले वाहन चालकों को रोकने के लिए नया नवाचार लागू करने जा रही है। शहर में पहली बार पुलिस कमिश्नरेट द्वारा कांटेदार स्पाइक स्ट्रिप बुलवाए गए हैं। फिलहाल चार यूनिट मंगाई गई हैं, जिन्हें पुलिस ने विशेष प्रशिक्षण के बाद फील्ड में उतारने की तैयारी कर ली है।
पुलिस स्रोतों के अनुसार, पिछले दो साल में हाई-स्पीड वाहनों की वजह से दर्जनों गंभीर हादसे हुए हैं। कई मामलों में चालक नशे में थे और कोई भी चेकिंग पॉइंट उन्हें रोक नहीं सका। इस स्थिति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि स्पाइक स्ट्रिप शहर में सड़क सुरक्षा का नया टर्निंग पॉइंट साबित होगी। यह उपकरण पुलिस वाहनों में रखा जाएगा और जरूरत पड़ते ही सड़क पर फैलाकर बेलगाम वाहन को रोक दिया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने बताया कि यह स्पाइक स्ट्रिप किसी भी आकस्मिक और इमरजेंसी स्थिति में बेहद कारगर साबित होगा। अक्सर अपराधी या तेज रफ्तार वाहन चेकिंग पॉइंट तोड़कर भाग जाते हैं, ऐसे मामलों में यह स्पाइक निर्णायक भूमिका निभाएगा। जैसे ही कोई वाहन बेरिकेड्स तोड़कर तेज गति से निकलता है, पुलिस तुरंत इस स्पाइक स्ट्रिप को सड़क पर फेंक देगी, जो पलभर में वाहन के टायर पंचर कर उसे वहीं खड़ा कर देगी। यह तकनीक विशेष रूप से उन घटनाओं के लिए प्रभावी मानी जा रही है, जिनमें अपराधी वाहन का इस्तेमाल कर फरार हो जाते हैं या हाइवे पर बेकाबू वाहन राहगीरों के लिए खतरा बन जाते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका और यूरोप की कई एजेंसियों में वर्षों से इस सिस्टम का इस्तेमाल सफलतापूर्वक किया जा रहा है और अब इंदौर इस हाई-टेक सुरक्षा में कदम मिलाकर चलने जा रहा है।
स्पाइक स्ट्रिप की संख्या बढ़ाकर लगभग 16
कमिश्नरेट ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में इस स्पाइक स्ट्रिप की संख्या बढ़ाकर लगभग 16 यूनिट की जाएगी, जिन्हें बायपास, ट्रैफिक कॉरिडोर, शहर की सीमाओं, क्राइम-हॉट रूट्स और हाई-सपीड जोन में तैनात पुलिस वाहनों में रखा जाएगा। इस कदम से अपराधियों की भागने की संभावनाएं लगभग खत्म होंगी और शहर की सड़कें तेज रफ्तार के आतंक से काफी हद तक सुरक्षित होंगी। इंदौर में यह सिस्टम पहली बार लागू हो रहा है, और पुलिस का दावा है कि यह तकनीक आने वाले समय में क्राइम कंट्रोल और रोड सेफ्टी दोनों में गेमचेंजर साबित होगी।