इंदौर को मिली ग्रीन मोबिलिटी की नई सौगात, सीएम ने 50 इलेक्ट्रिक एसी बसों को दिखाई हरी झंडी, सफाई मित्रों के साथ किया भोज
इंदौर। स्वच्छता में देश का गौरव बढ़ाने वाले इंदौर को अब ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में भी नई सौगात मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर से 50 इलेक्ट्रिक एसी बसों का शुभारंभ किया। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ये बसें लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी और पर्यावरण हितैषी परिवहन को बढ़ावा देंगी।
सफाई मित्रों का सम्मान
शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इंदौर के सफाई मित्रों का सम्मान करते हुए उनके साथ स्नेह भोज भी किया। उन्होंने कहा कि हर बार केंद्र सरकार ने स्वच्छता की नई-नई शर्तें लगाईं, लेकिन इंदौर के स्वच्छता सिपाहियों ने हर चुनौती को स्वीकार कर शहर को लगातार नंबर-वन बनाया। उन्होंने कहा, “अब इंदौर और स्वच्छता का सात जन्मों का रिश्ता बन गया है। यहां जो होता है, वह सर्वश्रेष्ठ होता है।”
60 करोड़ की लागत से खरीदी गईं 50 बसें
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि 50 इलेक्ट्रिक एसी बसों की कुल कीमत 60 करोड़ रुपये से अधिक है। एक बस की कीमत करीब 1.2 करोड़ रुपये है। इन बसों का संचालन नेट कास्ट मॉडल पर किया जाएगा। इस मॉडल में सरकार को संचालन लागत नहीं चुकानी होगी, बल्कि केवल 40 प्रतिशत राशि AMRUT योजना के अंतर्गत वीजीएफ (Viability Gap Funding) के रूप में दी जाएगी।
प्रतिदिन 180 किलोमीटर की दूरी तय करेगी
नवीनतम तकनीक से सुसज्जित ये इलेक्ट्रिक बसें एक बार के चार्ज और अपॉर्च्युनिटी चार्जिंग के साथ प्रतिदिन 180 किलोमीटर तक चलेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बसें न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को नई दिशा देंगी बल्कि आम नागरिकों को पर्यावरण हितैषी और आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिवहन उपलब्ध कराएंगी।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर बोले सीएम
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह आज के समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 1969 तक देश में एक साथ चुनाव होते थे, लेकिन वोट बैंक की राजनीति ने चुनाव प्रक्रिया को टुकड़ों में बांट दिया। सीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान में मनमाने संशोधन कर विकास की गति को बाधित किया गया।
उन्होंने कहा, “आज का तकाजा है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र दोबारा एक राष्ट्र, एक चुनाव की प्रक्रिया पर लौटे। भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो राष्ट्रनीति पर ध्यान दे रही है, बाकी दल केवल राजनीति कर रहे हैं।”