Shivani Gupta
7 Nov 2025
Mithilesh Yadav
7 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
भोपाल। इस बार प्रदेश में जुलाई में ही 17 से ज्यादा बड़े बांध आधे से अधिक भर गए हैं। वहीं ग्वालियर का काकेटो और मुरैना का एओडा बांध लबालब हो चुके हैं। इसके अलावा कोलार डैम के दो गेट 70 फीसदी जलभराव पर खोल दिए गए हैं। अगर ऐसी ही बारिश होती रही तो एक-दो दिनों में सभी बांधों के गेट खोल दिए जाएंगे। जल संसाधन विभाग प्रदेश के 54 बड़े बांधों की डेली मॉनीटरिंग करता है। इसमें करीब 17 से अधिक बांध 70 फीसदी से ज्यादा भर गए हैं।
शहडोल का बाण सागर, खरगोन का ढेजला, रतलाम का धोलाबाद सहित प्रदेश के 15 बांध 60 फीसदी खाली हैं। अगर अच्छी बारिश होती रही तो इन्हें भरने में महज दस दिन का समय लगेगा। क्योंकि नदियों के माध्यम से इन बांधों में पर्याप्त पानी आ रहा है। पिछले साल कम बारिश होने से इन बांधों का पेट खाली था।
प्रदेश की सभी नदियोें का जल स्तर बरकरार है। बेतवा, नर्मदा और चंबल की स्थिति देखें तो ये नदियां अपने फुल जलभराव स्तर से पांच से दस मीटर नीचे बह रही है। वर्तमान स्थिति में बड़ी 6 नदियों में सबसे ज्यादा पार्वती नदी में पानी है। वहीं छोटी नदियां और बड़े नाले पिछले तीन दिन से उफान पर हैं। इनमें जल बहाव पुल और रपटे के ऊपर से हो रहा है। इसके चलते सैकड़ों गांव सड़क मार्ग और दूसरे गांवों से कट गए हैं।
अच्छी बारिश धान की फसलों के लिए फायदेमंद है। बांध भरने से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। वहीं उद्योगों के लिए भी बांधों से पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। शहरों में पीने के पानी पर भी कटौती नहीं की जाएगी। प्रदेश के भूजल स्तर पर भी सुधार होगा। कुएं, बाबड़ी और नलकूपों में गर्मी के दौरान जलस्तर बेहतर रहेगा। अभी कई शहरों में गर्मी में एक से दो दिन छोड़कर पानी सप्लाई की जा रही है।