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पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपनी फिल्म ‘सरदार जी 3’ को लेकर विवादों में हैं। इस फिल्म में उनके साथ पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर नजर आ रही हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच पनपे तनाव और आतंकी घटनाओं के बाद पाकिस्तानी एक्टर-एक्ट्रेस को भारतीय सिनेमा में काम करने से बैन किया गया था और साथ ही लोगों ने भी वहां के कलाकारों का बायकाट करना शुरू किया था।
हालांकि, दिलजीत का दावा है कि यह फिल्म पहलगाम आतंकी हमले से पहले बनकर तैयार हो चुकी थी, जब पाकिस्तानी कलाकारों पर कोई बैन नहीं था। लेकिन फिर भी फिल्म को भारत में रिलीज करने के बजाय ओवरसीज रिलीज किया गया है।
एक इंटरव्यू में जब गीतकार और लेखक जावेद अख्तर से इस विवाद पर सवाल किया गया, तो उन्होंने दिलजीत दोसांझ का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा, “ये फिल्म कब बनी, ये साफ नहीं है। लेकिन अगर उस कलाकार को पहले से मालूम होता कि हालात ऐसे बिगड़ जाएंगे, तो क्या वो पागल था जो हानिया आमिर को कास्ट करता? पैसा उसका है, पाकिस्तान का नहीं। नुकसान अगर होगा भी तो हिंदुस्तानी का ही होगा।”
जावेद अख्तर का कहना था कि नियमों को पूर्व प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता। अगर किसी फिल्म को बैन के पहले बनाया गया है, तो उसे उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
जावेद अख्तर ने साफ तौर पर कहा कि सरकार और सेंसर बोर्ड को इस मामले में दया और व्यावहारिकता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा, “उन्हें कहना चाहिए कि आगे से ऐसा मत करना, लेकिन जो पहले बन गई है, उसे रिलीज होने दो। दोबारा ये न हो, बस इतना काफी है।”
जावेद अख्तर ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहतर थे, तब दोनों देशों के कलाकार मिलकर साझा फिल्में बनाते थे। उन्होंने कहा, “हमारे पास टेक्नोलॉजी बेहतर है, उनके पास बेहतरीन लेखक। अगर दोनों मुल्कों के सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बाद फिल्में बनतीं तो वो नफरत कम करतीं, न कि बढ़ातीं। कला का मकसद मुकाबला नहीं, संगत होता है।”
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज की स्थिति को देखते हुए ऐसी साझेदारी की बात करना गैर जरूरी है।
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्प्लॉयज ने दिलजीत दोसांझ पर देशद्रोह के आरोप लगाए हैं और उन पर बैन लगाने की मांग की है। यहां तक कि उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग भी जोर पकड़ रही है।