Naresh Bhagoria
19 Dec 2025
अशोक गौतम, भोपाल। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी का बड़ा झटका लग सकता है। प्रदेश में करीब 1.34 करोड़ उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी दी जा रही है, इसमें किसान और घरेलू उपभोक्ता शामिल हैं। सरकार ने सब्सिडी को लेकर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समिति गठित की है।
प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियां 52 हजार करोड़ रुपए का सालाना बिजली बेचती हैं। इसमें 25 हजार करोड़ रुपए बिजली कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जा रही है। इसमें एक करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ता हैं। सरकार इन्हें 150 यूनिट से कम बिजली उपयोग करने पर 100 यूनिट की सब्सिडी देती है। इससे करीब 6000 करोड़ रुपए सरकार हर साल बिजली कंपनियों को दे रही है।
सरकार ने 85 लाख उपभोक्ताओं के 4,800 करोड़ रुपए का बिजली बिल स्थगित कर रखा है। ये बिजली के बिल घरेलू उपभोक्ताओं के हैं। बिल स्थगन एक किलोवॉट बिजली कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के लिए किया गया है। सरकार ने कोरोना काल के बिजली बिल स्थगन का ऐलान किया है, जो अभी तक न तो माफी हुई है और न ही इस पर कोई निर्णय हुआ है। बिजली वितरण कंपनियों को भी अभी तक यह राशि न तो जनता की तरफ से मिल पाई और न ही उपभोक्ताओं से वसूलने के निर्देश दिए हैं।
किसानों को पांच एचपी कनेक्शन में छूट का प्रावधान है, इसमें एक हेक्टेयर से अधिक जमीन वाले एससी-एसटी किसान भी शामिल हैं। किसानों के बिल 93 प्रतिशत सरकार भुगतान करती है इसमें किसानों को सिर्फ सात प्रतिशत ही राशि देना पड़ती है। यह सुविधा रबी और खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए छूट दी जाती है। इसमें एक हेक्टेयर और पांच एचपी पंप कनेक्शन वाले एसटी एससी के उपभोक्ताओं से एक प्रतिशत भी राशि नहीं ली जाती है।
बिजली सब्सिडी को लेकर मंत्रिमंडलीय समिति गठित की गई है। समिति सब्सिडी को रिवाइज करने का काम करेगी। यह देखा जाएगा कि उपभोक्ताओं के नाम पर कितनी सब्सिडी दी जा रही।
प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री, ऊर्जा विभाग