Mithilesh Yadav
9 Nov 2025
Naresh Bhagoria
9 Nov 2025
पुष्पेन्द्र सिंह, भोपाल। पिछले साल केंद्र सरकार से तय हिस्से से अधिक राशि लाने वाले एक दर्जन से ज्यादा विभाग इस साल राशि पाने में पिछड़ गए हैं। खास बात है कि नवंबर माह में आदिवासियों के उत्थान और विकास को लेकर देशभर में गौरव दिवस मनाया जा रहा है। बावजूद इस योजना में छह माह के भीतर आधे से कम हिस्सा मिला है। वहीं, सामाजिक न्याय विभाग को मिलने वाली पेंशन राशि और विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति अटकी है। लिहाजा कई विभागों ने अपना हिस्सा लेने के लिए रिमाइंडर पर रिमाइंडर दिए हैं।
वर्ष 2025-26 के वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों को दो तिमाही में अबतक 18.57 प्रतिशत ही (3 नवंबर तक) कुल अंश में से विभागों को दिया है। जबकि पिछले साल 12 माह में 163 फीसदी से ज्यादा राशि दी गई थी। यानी गत वर्ष के छह माह में हिस्सा 80 प्रतिशत तक होता है।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन : प्रदेश में 53 लाख पेंशनधारी है। इनके लिए अभी तक 197 करोड़ ही आए।
महिला एवं बाल विकास : पोषण अभियान, वन स्टॉप सेंटर, समेकित बाल संरक्षण योजना और पीएम मातृ वंदना योजना में कुछ नहीं मिला।
ऊर्जा : रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम आरडीएसएस में 1,736.33 करोड़ में से एक पैसा नहीं।
नगरीय विकास : 1,954 करोड़ के अंश में महज 5 करोड़ मिले हैं। सबसे बड़ा अंश अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेंशन (अमृत दो) में 471 करोड़ का है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति : 317.31 करोड़ में एक पैसा नहीं दिया।
पर्यटन विभाग : अबकी बार एक पैसा नहीं मिला। पिछले साल 299.58 प्रतिशत राशि मिली।
जल संसाधन : केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए 630 करोड़ का अंश अटका है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी : अकेले जल जीवन मिशन के लिए 8,561.22 करोड़ मिलने हैं, कुछ नहीं आया। राज्य को 7,856 करोड़ के अंश से देना पड़ रहा है।
सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक एसके पचौरी कहते हैं कि केंद्र से जो हिस्सा पिछले साल मिला था उसका पूरी तरह उपयोग नहीं हो सका। केंद्र ने कहा है कि पहले उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजो। हमने पिछली राशि में से पेंशन बांट दी। यूसी भी भेज दी है। जल्द ही शेष राशि आएगी। पेंशन राशि हर माह दे रहे हैं। जनजातीय क्षेत्र विकास योजना के संचालक सतेंद्र सिंह का कहना है कि धरती आबा योजना में केंद्र से हमें 511 करोड़ मंजूर हुए हैं। इसमें से पहले 97 करोड़ भेजे, लेकिन बाद यह राशि वापस ले ली। कहा गया कि स्पर्श पोर्टल के माध्यम से देंगे। पोर्टल के जरिए 67 करोड़ आए। हमने और राशि की डिमांड करते हुए रिमाइंडर दिया है।