Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
देश में पहली बार किसी साइबर ठग को “डिजिटल अरेस्ट” के जरिए ठगी करने के मामले में सजा सुनाई गई है। इस केस में आरोपी देवाशीष राय को 7 साल की जेल और 68 हजार रुपए जुर्माना हुआ है।
देवाशीष राय, जो आजमगढ़ के मसौना का रहने वाला है, ने लखनऊ की डॉक्टर सौम्या गुप्ता से डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 85 लाख रुपए की ठगी की थी। यह घटना मई 2024 की है। देवाशीष ने डॉक्टर को फोन कर खुद को कस्टम अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम पर एक कार्गो पार्सल पकड़ा गया है, जिसमें जाली पासपोर्ट, एटीएम कार्ड, और 140 ग्राम नशीली दवा (एमडीएम) मिली है। फिर डॉक्टर को दस दिन तक “डिजिटल अरेस्ट” की हालत में रखा गया और अलग-अलग तरीकों से उनसे पैसे मंगवाए गए।
डॉक्टर की शिकायत के 5 दिन बाद ही गोतमीनगर विस्तार के मंदाकिनी अपार्टमेंट से देवाशीष को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को 14 महीने में ही सजा दिलाई गई। पूरी जांच 3 महीने में पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। पुलिस और अभियोजन पक्ष ने मिलकर कोर्ट में मजबूत पैरवी की, जिससे आरोपी की हर जमानत याचिका खारिज हो गई।
यह देश का पहला मामला है, जिसमें डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर फ्रॉड में सजा हुई है। इससे अन्य ठगों को सख्त संदेश मिलेगा कि ऐसे अपराध अब बख्शे नहीं जाएंगे। – कमलेश दीक्षित, डीसीपी अपराध
डिजिटल अरेस्ट का मतलब होता है — फोन, वीडियो कॉल या ऑनलाइन माध्यम से किसी को डरा-धमकाकर यह यकीन दिला देना कि वह किसी गंभीर अपराध में फंसा है और कहीं जा नहीं सकता। अपराधी फिर उससे डर का फायदा उठाकर पैसे ऐंठते हैं।