Garima Vishwakarma
14 Nov 2025
धर्म डेस्क। 2 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में दशहरा यानी विजयादशमी उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दशहरे का सबसे प्रसिद्ध स्वरूप भगवान राम और रावण के युद्ध की कथा से जुड़ा है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध किया और तभी से यह पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई।
तिथि: शुक्ल दशमी
मास: अश्विन
दिन: गुरुवार
समय: दशमी तिथि आज शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी
सूर्योदय: सुबह 6:15 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:06 बजे
चंद्रमा उदय: दोपहर 3:09 बजे
चंद्रास्त: 3 अक्टूबर, प्रातः 1:56 बजे
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: धनु
शुभ समय: अभिजीत मुहूर्त- 11:46 से 12:34 बजे
अमृत काल: 3 अक्टूबर, रात्रि 11:01 से 12:38 बजे
दशहरा के दिन रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में किया जाता है। आज सूर्यास्त शाम 6:06 बजे होगा और इसी समय से रावण का दहन शुरू होगा। यह हमें यह संदेश देता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है।
घर में शमी के पौधे की पूजा करें और पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं।
सुंदरकांड या श्रीरामचरितमानस का पाठ करें। यह मानसिक शांति और धीरे-धीरे आर्थिक सुधार लाने में मदद करता है।
दशहरा केवल धार्मिक पर्व ही नहीं है बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यह हमें धैर्य, साहस और धर्म की रक्षा का महत्व सिखाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है – कहीं रामलीला का मंचन होता है, तो कहीं दुर्गा पूजा का समापन इसी दिन होता है।