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Naresh Bhagoria
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Aditi Rawat
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मार्गशीर्ष महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस महीने की अमावस्या, एकादशी और पूर्णिमा का तो खास महत्व माना जाता है। इस साल 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना और दान करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन की गई पूजा और दान से जीवन में किसी भी चीज़ की कमी नहीं रहती। पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए भी यह दिन खास माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से शुभ फल और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर को पड़ रही है। इसका आरंभ 19 नवंबर सुबह 9:43 बजे होगा और समाप्ति 20 नवंबर दोपहर 12:16 बजे होगी। यह दिन विशेष रूप से पितृ शांति, दान और पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना गया है। स्नान के बाद घर या मंदिर में भगवान विष्णु और पितरों की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यह दिन आत्मिक शांति पाने और पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
इस दिन गरीबों, अनाथों या मंदिर में चावल, गेहूं और काले तिल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा, साबुत उड़द, कंबल और जरूरतमंदों के लिए वस्तुएं दान करने से केतु और राहु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों के तर्पण करना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। तर्पण से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशियाँ और समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन पशु-पक्षियों के लिए दाना डालना भी शुभ माना जाता है।
इस दिन स्नान, दान और तर्पण करना अनिवार्य है। घर में साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। इस दिन किसी के प्रति मन में बुरे विचार नहीं लाएं। तिल का दान अवश्य करें और जरूरतमंदों को भोजन दें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
मार्गशीर्ष अमावस्या का पालन करने से न केवल पितरों की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। यह दिन आत्मिक शांति और पुण्य के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करता है।