Aakash Waghmare
17 Nov 2025
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा पर भारत की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत ने कहा कि वह इस फैसले पर नजर बनाए हुए है और एक करीबी पड़ोसी होने के नाते बांग्लादेश की जनता के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेशन और स्थिरता बनाए रखना बेहद जरूरी है और भारत इन मूल्यों का दृढ़ता से समर्थन करता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत आगे भी सभी पक्षों के साथ रचनात्मक संवाद जारी रखेगा ताकि देश में स्थिरता बनी रहे।
विशेष अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (ICT-BD) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनकी अनुपस्थिति में मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए फांसी की सजा सुनाई है। 78 वर्षीय शेख हसीना पिछले साल अगस्त में सरकार के गिरने के बाद से भारत में रह रही हैं। अदालत पहले ही उन्हें भगोड़ा घोषित कर चुकी थी।
ढाका स्थित कड़ी सुरक्षा वाले अदालत कक्ष में फैसला सुनाते हुए न्यायाधिकरण ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि जुलाई–अगस्त 2024 के दौरान छात्रों के नेतृत्व वाले व्यापक विरोध प्रदर्शनों पर हुई घातक कार्रवाई के पीछे हसीना की भूमिका थी।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई विद्रोह के दौरान लगभग 1,400 लोग मारे गए थे। हसीना पर आरोप था कि उन्होंने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग के आदेश दिए और सुरक्षा बलों को कठोर कार्रवाई की अनुमति दी।