Naresh Bhagoria
23 Dec 2025
भोपाल। दिवाली के मौके पर मध्य प्रदेश के कई शहरों में देर रात जमकर आतिशबाजी हुई। इंदौर, भोपाल, सागर समेत कई शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। दरअसल दिवाली की शाम पाच बजे तक जो हवा सामान्य थी वह रात 9 बजे के बाद जहरीली हो गई। इंदौर में AQI 300 पर रिकॉर्ड किया गया जो खराब श्रेणी में था।
इंदौर की हवा सबसे ज्यादा खराब रही, जहां छोटी ग्वालटोली में AQI 361 पर पहुंच गया। वहीं भोपाल के कोहेफिजा में 336, ग्वालियर के महाराज बाड़ा में 333, सागर में 341 और सिंगरौली में 306 AQI रहा। बता दें इन शहरों में मंगलवार सुबह तक हवा कि क्वालिटी इतनी गिर गई कि लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो रही है। जहां दिवाली की शाम 5 बजे तक अधिकतर शहरों की हवा “संतोषजनक से मध्यम” श्रेणी में थी, लेकिन रात 9 बजे तक AQI तेजी से बढ़ा और अगली सुबह 9:30 बजे यह सभी बड़े शहरों में 300 के पार पहुंच गया।
पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष सी पांडे ने बताया कि, एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 500 के बीच खतरनाक होता है। इसके प्रदूषण से आंखों, गले और त्वचा में जलन, सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, तेज पटाखों की आवाज से कानों में घंटी बजना, सुनने में कठिनाई और नींद में खलल जैसी समस्याएं होने का खतरा होता है। जो लंबे समय तक लोगों को मुसीबत में डाल सकता है।
मध्यप्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (एमपीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, शहरभर में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 यानी धूल के बारीक कण की वजह से सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है। अधिकतर जगहों पर जो AQI बढ़ रहा है, इसका मुख्य कारण पीएम 2.5 ही है। बता दें यह प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगे लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम पर दिखाई दे रहा है। इस पर जल्द ही काबू पाना जरूरी होता है अन्यथा स्तर बिगड़ सकता है।