Peoples Reporter
5 Nov 2025
नई दिल्ली। एयर इंडिया को भारत के विमानन नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने चेतावनी दी है कि यदि एयरलाइन द्वारा सुरक्षा मानकों के उल्लंघन में सुधार नहीं किया गया, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है। विमानन नियामक ने विभिन्न नियमों के उल्लंघन के मामले में एअर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
यह चेतावनी हाल ही में अहमदाबाद में एयर इंडिया के एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की दुर्घटना के बाद जारी की गई, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई। इस दुर्घटना के बाद एयर इंडिया ने खुद ही अपनी सुरक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली में हुई चूकों की जानकारी डीजीसीए को दी थी, जिसके आधार पर चार अलग-अलग सरकारी नोटिस भेजे गए। इन नोटिसों में कुल 29 उल्लंघनों का उल्लेख किया गया है, जिनमें पायलटों को आवश्यक विश्राम न दिया जाना, सिमुलेटर प्रशिक्षण में लापरवाही, ऊंचाई वाले हवाई अड्डों के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण न देना और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर अपर्याप्त केबिन क्रू के साथ विमान भेजना प्रमुख हैं।
डीजीसीए ने यह भी कहा है कि एयर इंडिया को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, परंतु उसके बावजूद प्रशिक्षण और चालक दल योजना में ठोस सुधार नहीं हुए। इसका मतलब यह है कि एयर इंडिया ने बार-बार के उल्लंघनों के बाद भी अपने आंतरिक निगरानी तंत्र को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया है।
नियामक के अनुसार, यह स्थिति एयरलाइन के अंदर सुरक्षा संस्कृति की कमजोरी को दर्शाती है, जो भविष्य में और भी गंभीर घटनाओं को जन्म दे सकती है। इस पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में अहमदाबाद की दुखद विमान दुर्घटना है, जिसे पिछले एक दशक की सबसे बड़ी विमानन त्रासदी माना जा रहा है।
प्राथमिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, विमान के उड़ान भरते ही उसके फ्यूल कंट्रोल स्विच लगभग एक साथ बंद हो गए और कॉकपिट में भ्रम की स्थिति बन गई। एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, जबकि जवाब में वह खुद हैरान था कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया।
इससे यह स्पष्ट होता है कि पायलटों के बीच समन्वय की कमी और प्रशिक्षण की खामियां दुर्घटना का कारण बनीं। एयर इंडिया का कहना है कि उसने यह सभी जानकारियां स्वेच्छा से डीजीसीए को दी हैं और वह नियामक के नोटिसों का जवाब देगा। कंपनी ने यह भी दावा किया कि वह अपने यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। लेकिन डीजीसीए की ओर से दी गई चेतावनी यह संकेत देती है कि यदि एयर इंडिया जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर शीर्ष प्रबंधन के लोगों को हटाने जैसे कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।