Shivani Gupta
23 Oct 2025
नई दिल्ली। दिवाली के बाद राजधानी दिल्ली की हवा में एक बार फिर जहर घुल गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 23 अक्टूबर की सुबह 6 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 353 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। राजधानी के कई इलाके ‘रेड जोन’ में हैं, जहां सुबह से ही स्मॉग की मोटी परत देखने को मिली। अक्षरधाम मंदिर और आईटीओ जैसे इलाकों में विजिबिलिटी बेहद कम रही।
दिल्ली के आनंद विहार में हालात सबसे खराब रहे, जहां सुबह 5:30 बजे AQI 511 पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ स्तर है। दिल्ली के अलावा नोएडा (330), गाजियाबाद (321), भिवाड़ी (323) और रोहतक (349) जैसे शहरों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही। देश में सबसे प्रदूषित शहर धारूहेड़ा (379) रहा।
जहां दिल्ली में हवा ‘गंभीर’ स्तर पर है, वहीं दक्षिण भारत के शहरों में स्थिति बेहतर है। बेंगलुरु और चेन्नई का AQI 70 से नीचे रहा, जबकि मुंबई और अहमदाबाद में यह 110 दर्ज किया गया। आठ महानगरों में दिल्ली की हवा सबसे खराब रही।
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले 18 से 21 अक्टूबर के बीच सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी थी, वह भी सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक। हालांकि, दिल्ली-NCR में कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गईं। दिवाली की रात और उसके अगले दिन तक लोगों ने बड़े पैमाने पर पटाखे जलाए। इससे रात में प्रदूषण स्तर में भारी बढ़ोतरी हुई और 23 अक्टूबर की सुबह दिल्ली स्मॉग की चादर में लिपटी रही।
AQI रेंज |
वर्गीकरण |
विवरण |
0–50 |
अच्छा |
स्वच्छ हवा |
51–100 |
संतोषजनक |
सामान्य |
101–200 |
मध्यम |
संवेदनशील लोगों को असर |
201–300 |
खराब |
सांस की तकलीफ संभव |
301–400 |
बहुत खराब |
अधिकांश को परेशानी |
401–500 |
गंभीर |
स्वास्थ्य के लिए खतरनाक |
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब सरकार पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे दिल्ली की हवा और खराब हो रही है। कई जगहों पर किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने के वीडियो भी सामने आए हैं।
दिल्ली-NCR में GRAP (Graded Response Action Plan) का स्टेज-I ‘खराब’ (AQI 201-300) लागू किया गया है। इसमें 27 नियमों का पालन अनिवार्य है, जिनमें शामिल है-
डॉ. शरद जोशी (पल्मोनोलॉजिस्ट, गाजियाबाद) ने सलाह दी है कि, लोग बाहर निकलते समय N95 या डबल सर्जिकल मास्क जरूर पहनें।
दिल्ली में हवा सुधारने के लिए प्रस्तावित आर्टिफिशियल रेन प्रोजेक्ट फिर टल गया है। जुलाई में शुरू होने वाला यह प्रयोग अब तक नहीं हो पाया क्योंकि IMD के मुताबिक आवश्यक बादल मौजूद नहीं हैं। पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि, जैसे ही बादल मिलेंगे, तुरंत ट्रायल किया जाएगा। सभी मंजूरियां और संसाधन तैयार हैं।
2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया था।
फिर भी पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे दिल्ली की हवा और जहरीली बन रही है।