देश आज 71वां संविधान दिवस मना रहा है। संविधान दिवस के मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर तगड़ा हमला किया। पीएम ने कहा कि भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है। संविधान की भावना को चोट पहुंची है। जो दल लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं। एक राजनीतिक दल, पार्टी- फॉर द फैमिली, पार्टी- बाय द फैमिली... आगे कहने की जरूरत नहीं लगती है।
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यह कार्यक्रम राजनैतिक दल का नहीं था: पीएम मोदी
संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित कार्यक्रम में विपक्षी दलों द्वारा शामिल न होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम किसी राजनैतिक दल का नहीं था। यह कार्यक्रम स्पीकर पद की गरिमा थी। हम संविधान की गरिमा बनाए रखें। हम कर्त्तव्य पथ पर चलते रहें।
अंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद, बापू को नमन का दिन है: पीएम मोदी
समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, डॉ. अंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद, पूज्य बापू को नमन करने का दिन है। आजादी के लिए जिन्होंने अपने आपको खपाया, उन सबको नमन करने का दिन है। आज 26/11 ऐसा दुखद दिन है। जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में ऐसी आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। भारत के संविधान में सूचित देश के सामान्य मानवीय की रक्षा की जिम्मेदारी के तहत हमारे वीर जवानों ने आतंकियों से लोहा लेते-लेते सर्वोच्च बलिदान दिया। आज उन बलिदानियों को भी आदर पूर्वक नमन करता हूं।
जो बीज बोए थे वे वटवृक्ष बन जाने चाहिए थे: पीएम
महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में अधिकारों के लिए लड़ते हुए भी देश को कर्त्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। वे स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत का विचार लाए थे। महात्मा गांधी देश को तैयार कर रहे थे। उन्होंने जो बीज बोए थे वे वटवृक्ष बन जाने चाहिए थे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। अच्छा होता देश आजाद होने के बाद कर्त्तव्य पर बल दिया गया होता तो अधिकारों की अपने आप रक्षा होती।
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हम राष्ट्रहित में सामूहिकता से काम करें: ओम बिरला
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हमारे प्रगतिशील संविधान को देश-विदेश हर जगह सम्मान की दृष्टि व प्रेरणा के श्रोत के रूप में देखा जाता है। हमारे संविधान ने लोगों के लिए न्याय की व्यवस्था की है। संसद में हम देश की 135 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां पर होने वाले चिंतन से जो अमृत निकलेगा, उसे आमजन के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है, लेकिन जरूरी है कि संसद में हम मर्यादापूर्ण आचरण करें। हम राष्ट्रहित में सामूहिकता से काम करें।
विपक्षी दलों ने सेंट्रल हॉल कार्यक्रम का किया बहिष्कार
संविधान दिवस के मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में हुए समारोह में कांग्रेस पार्टी के सांसद शामिल नहीं हुए। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में सांकेतिक रूप से विरोध किया। समान विचारधारा वाले लगभग 14 विपक्षी दल भी इसका बहिष्कार कर रहे हैं। इन दलों में वामपंथी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, एसएस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आईयूएमएल, डीएमके सहित 14 पार्टियां संविधान दिवस समारोह के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं।
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