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मुंबई। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत आज सकारात्मक माहौल में हुई, जो निवेशकों के भरोसे और बाजार की मजबूती को दर्शाती है। सेंसेक्स सुबह 84,793.58 अंक पर बढ़त के साथ खुला और जल्दी ही 84,929.46 के स्तर पर पहुंच गया। इस स्तर पर सेलर्स सक्रिय होते दिखाई दिए, जो सेंसेक्स को 84,705.57 अंक तक नीचे ले गए। लेकिन इसके बाद फिर फ्रेश बाइंग देखने को मिली, जो बीएसई के इस बेंचमार्क इंडेक्स को ऊपर खींच ले गई। 10.13 बजे तक सेंसेक्स करीब 143 अंकों की बढ़त के साथ 84,800 के ऊपर पहुंच गया, जबकि निफ्टी ने 26,000 का अहम मनोवैज्ञानिक स्तर पार कर लिया। यह संकेत देता है कि बाजार में खरीदारी का रुझान बना हुआ है और निवेशक फिलहाल जोखिम लेने को तैयार हैं।

इस तेजी का एक बड़ा कारण धातु और चुनिंदा बड़े शेयरों में आई मजबूती है। JSW Steel, Tata Steel और Titan जैसे शेयरों में अच्छी खरीदारी देखने को मिली, जिससे मेटल सेक्टर इंडेक्स करीब 1% चढ़ गया। आम तौर पर जब मेटल और इंडस्ट्रियल शेयरों में तेजी आती है, तो इसे आर्थिक गतिविधियों और मांग में सुधार के संकेत के रूप में देखा जाता है। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि निवेशक आने वाले समय में उद्योगों के प्रदर्शन को लेकर आशावादी हैं। बाजार मार्केट ब्रेड्थ भी सकारात्मक रही। कारोबार के दौरान बढ़ने वाले शेयरों की संख्या घटने वाले शेयरों से कहीं ज्यादा रही, जो यह बताता है कि तेजी सिर्फ कुछ चुनिंदा शेयरों तक सीमित नहीं थी, बल्कि बाजार के बड़े हिस्से में फैली है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी हल्की बढ़त देखने को मिली, जो छोटे निवेशकों की भागीदारी और विश्वास को दर्शाता है।

हालांकि, सभी शेयरों में एक जैसी तेजी नहीं रही। कुछ बड़े शेयर जैसे TCS, Tata Consumer और Bajaj Finance में गिरावट देखी गई। इसके अलावा, चांदी की कीमतों में तेज गिरावट का असर Hindustan Zinc जैसे शेयरों पर पड़ा। यह दिखाता है कि कमोडिटी कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा प्रभाव संबंधित कंपनियों के शेयरों पर पड़ता है। कुल मिलाकर, बाजार का यह प्रदर्शन संकेत देता है कि निवेशकों का मूड फिलहाल सकारात्मक है और वे आर्थिक स्थिरता व कंपनियों की आय को लेकर भरोसा जता रहे हैं। साथ ही, 52-हफ्ते के उच्च और निम्न स्तर पर पहुंचने वाले शेयरों की संख्या यह दिखाती है कि बाजार में अवसर और जोखिम दोनों मौजूद हैं। ऐसे माहौल में निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे जल्दबाजी में फैसले न लें, बल्कि मजबूत बुनियादी आंकड़ों और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निवेश रणनीति अपनाएं।