Aakash Waghmare
16 Oct 2025
नई दिल्ली। बीते दिनों डोनाल्ड ट्रंप के नए बयान से भारत में एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर ट्रंप के बयान को लेकर टिप्पणी की है। राहुल गांधी ने लिखा, 'पीएम मोदी, ट्रंप से डरते हैं। वहीं, जयराम रमेश ने कहा कि 'प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि रूस से तेल खरीदने के पीछे की सच्चाई क्या है? दरअसल, बीते दिनों ट्रंप ने भारत को लेकर कहा था कि 'हमारा संबंध बहुत अच्छा है'। उन्होंने (नरेंद्र मोदी) ने स्वीकार किया कि तेल खरीद बंद करने में समय लगेगा, लेकिन प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी। वे तुरंत बंद नहीं कर सकते, लेकिन प्रक्रिया चल रही है और जल्द समाप्त हो जाएगी। हालांकि, भारत ने ट्रंप के इस दावे पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी।
विपक्ष नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए x पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, 'पीएम मोदी ट्रंप से डरते हैं। वित्त मंत्री का अमेरिकी दौरा भी रद्द हो गया। पीएम मोदी शर्म अल शेख नहीं गए। ऑपरेशन सिंदूर पर भी पीएम मोदी ने ट्रंप का विरोध नहीं किया। राहुल गांधी ने कहा कि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया, लेकिन पीएम मोदी ने चीन के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया।
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रामेश ने भी ट्रंप के दावे को लेकर पीएम मोदी पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा 'भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा राष्ट्रपति ट्रंप वाशिंगटन डीसी में करते हैं। यहां से तारीफ, वहां से टैरिफ! राष्ट्रपति ट्रंप ने 51 बार दावा किया है कि व्यापारिक धमकी देकर भारत-पाकिस्तान तनाव को रोकने के लिए वे जिम्मेदार हैं। कल ट्रंप ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि भारत को रूस से तेल खरीदना चाहिए, और भारत ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह रूस से तेल नहीं खरीदेगा। प्रधानमंत्री इस पर चुप हैं! अगर ऐसा कोई फैसला लिया गया है तो प्रधानमंत्री को इसकी घोषणा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ट्रंप की तारीफ में ट्वीट करते हैं, लेकिन अमेरिका हम पर टैरिफ लगा देता है।'
साथ ही, जयराम रमेश ने कहा कि 'प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि रूस से तेल खरीदने के पीछे की सच्चाई क्या है? अमेरिका के साथ व्यापार समझौता अभी तक क्यों नहीं हुआ? प्रधानमंत्री को संसद को विश्वास में लेना चाहिए, आम सहमति बनानी चाहिए और बताना चाहिए। हमारी विदेश नीति पूरी तरह विफल हो चुकी है।'