Aakash Waghmare
5 Dec 2025
Naresh Bhagoria
5 Dec 2025
Aakash Waghmare
5 Dec 2025
चेन्नई। तमिलनाडु में बुधवार को स्टालिन सरकार हिंदी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेशी करने जा रही है। इस विधेयक में हिंदी गानों, फिल्मों और होर्डिंग्स पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। बता दें, कि इस प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा के लिए मंगलवार रात को सरकार ने विशेषज्ञों के साथ एक आपात बैठक भी की थी।
जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार द्वारा पेश किए गए इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में हिंदी भाषा में लिखे गए बोर्डों, होर्डिंग्स, फिल्मों और गानों पर रोक लगाना है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह विधेयक पूरी तरह से संविधान के प्रावधानों के अनुरूप तैयार किया जाएगा। वहीं, सूत्रों के अनुसार, सरकार का कहना है कि यह कदम तमिल भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए जरूरी है। साथ ही, यह संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 के तहत अंग्रेजी को सह-आधिकारिक भाषा के रूप में बनाए रखेगा।
डीएमके के वरिष्ठ नेता टीकेएस एलंगोवन ने इस विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम संविधान का उल्लंघन नहीं करेंगे, बल्कि उसका पूरा पालन करेंगे। हमारा विरोध केवल हिंदी थोपे जाने के खिलाफ है।'
वहीं, भाजपा नेता विनोज सेल्वम ने इस पहल की आलोचना करते हुए इसे "बेवकूफी भरा और बेबुनियाद" बताया। उन्होंने कहा कि भाषा को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ डीएमके सरकार हाल के अदालती मामलों जैसे थिरुपरनकुंद्रम, करूर जांच और आर्मस्ट्रांग केस में मिल रही नाकामी से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाषा विवाद को उछाल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विवादास्पद फॉक्सकॉन निवेश मुद्दे से नजर हटाने के लिए यह रणनीति अपनाई गई है।
इस साल मार्च में तमिलनाडु सरकार ने 2025-26 के राज्य बजट दस्तावेजों में राष्ट्रीय रुपये के प्रतीक (₹) की जगह तमिल अक्षर "ரு" (ru) का इस्तेमाल किया था। इस फैसले की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई भाजपा नेताओं ने आलोचना की थी। हालांकि, डीएमके ने इसे तमिल भाषा और संस्कृति को सम्मान देने वाला निर्णय बताया।