देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए 3 बड़े आदेश जारी किए हैं। चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया के लिए रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही VIP दर्शन पर लगी रोक को भी 31 मई तक बढ़ा दिया है। पहले यह रोक 25 मई तक लगाई गई थी।
उत्तराखंड सरकार के 3 आदेश
- चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी।
- VIP दर्शन पर लगी रोक 31 मई तक बढ़ाई गई।
- यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में लगाए गए काउंटर तीन दिन के लिए बंद। सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ही कर सकेंगे श्रद्धालु।
तीनों आदेश जारी करने के पीछे का कारण
हाल ही में कई पुजारियों और स्थानीय लोगों ने वीडियो और रील्स बनाने को लेकर विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि, "ऐसी गतिविधियां पारंपरिक मानदंडों का उल्लंघन करती हैं।" इस संबंध में संस्कृति एवं धार्मिक मामलों के सचिव को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह भी किया गया था।
वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध को लेकर उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि, चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ पहुंच रही है। वीआईपी दर्शन पर 31 मई तक प्रतिबंध बढ़ाने से सभी भक्त आसानी से चारों धामों के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भी सूचित कर दिया है। केवल पंजीकृत भक्तों को उनकी निर्दिष्ट तिथियों पर दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार में भी लगातार भारी भीड़ देखने को मिल रही थी। जिसकी वजह से लोग बिना रजिस्ट्रेशन कराए डायरेक्ट दर्शन के लिए धामों में पहुंच रहे थे। इससे वहां भीड़ को नियंत्रण करने में दिक्कत हो रही थी।
6 दिनों में 3 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई, तीर्थयात्रा के पहले छह दिनों में 15 मई तक भारत और विदेश से 3,34,732 लोग पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिरों में आ चुके हैं। यात्रा के लिए 25 अप्रैल से पंजीकरण शुरू हुआ था और गुरुवार शाम तक 27 लाख से अधिक श्रद्धालु इसके लिए पंजीकरण करा चुके थे।
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