Mithilesh Yadav
9 Sep 2025
Aniruddh Singh
9 Sep 2025
Aniruddh Singh
9 Sep 2025
प्रीति जैन
भोपाल। बचपन में सभी सुडोकू सॉल्व करते रहे हैं, लेकिन फिर यह गेम समय के साथ कम होता गया, लेकिन अब ब्रेन एक्सरसाइज के रूप में सुडोकू फिर से पॉपुलर हो रहा है और अब तो इसके पूरे गेम बॉक्स आ रहे हैं। यही वजह है कि हर 9 सितंबर को इंटरनेशनल सुडोकू डे मनाया जाता है। अब तो हर एज ग्रुप के लिए अलग सुडोकू मिलने लगे हैं। बच्चों से लेकर बड़े और सीनियर सिटीजंस तक सभी सुडोकू खेलकर मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने का प्रयास कर रहे हैं। साइकॉलोजिस्ट्स के मुताबिक इससे न सिर्फ याददाश्त अच्छी होती है बल्कि कॉन्सन्ट्रेशन भी बेहतर होता है। इसके अलावा अगर आप अपने फोकस को बढ़ाना चाहते हैं, तो भी इस गेम को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
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हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक सुडोकू खेलने से तनाव कम हो सकता है। सुडोकू की मदद से अवसाद यानी डिप्रेशन के खतरे को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा सुडोकू जैसे ब्रेन गेम्स अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी की संभावना को भी कम कर सकता है। अगर आप भूलने की बीमारी के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो इस गेम को खेलना शुरू कर सकते हैं।
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जो लोग नियमित रूप से सुडोकू खेलते हैं, उनकी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल अच्छी हो जाती है। सुडोकू गेम लॉजिकल थिंकिंग को सुधारने में भी कारगर साबित हो सकता है। यह खेल मस्तिष्क में डोपामाइन के रिलीज को सक्रिय करता है, जिससे दिमाग रिलेक्स होता है।
-डॉ. शिखा रस्तोगी, साइकॉलोजिस्ट
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मैं मम्मी के साथ मिलकर सुडोकू सॉल्व करती हूं। कभी-कभी खुद भी सॉल्व कर लेती हूं लेकिन मुश्किल होने पर हेल्प की जरूरत पड़ती है। सुडोकू मुझे बहुत मजेदार लगते हैं और जब तक सॉल्व नहीं होते, तब तक कोशिश करती रहती हूं। बच्चों के लिए अलग सुडोकू मिलती है तो उसे सॉल्व करना ज्यादा अच्छा लगता है।
-अन्या शर्मा, स्टूडेंट