Aakash Waghmare
21 Nov 2025
भारतीय रेलवे में भले ही आज वंदे भारत जैसी आधुनिक और हाई-स्पीड ट्रेनें मौजूद हों, लेकिन इन सबके बीच एक ट्रेन ऐसी है जो दशकों से अपनी पहचान और शान बनाए हुए है। इस ट्रेन को ‘किंग ऑफ इंडियन रेलवे’ कहा जाता है- राजधानी एक्सप्रेस। अपनी बेजोड़ रफ्तार, भरोसेमंद सेवा और लगातार बेहतर प्रदर्शन के कारण राजधानी एक्सप्रेस आज भी रेलवे की सबसे प्रतिष्ठित ट्रेनों में गिनी जाती है।
राजधानी एक्सप्रेस को भारतीय रेलवे का ‘राजा’ उसकी रफ्तार, प्राथमिकता और प्रीमियम सुविधाओं के कारण कहा जाता है। यह देश की सबसे तेज़, आरामदायक और भरोसेमंद ट्रेनों में शामिल है। रेलवे ट्रैक पर राजधानी को सबसे उच्च प्राथमिकता मिलती है, इसलिए इसके रास्ते में किसी भी ट्रेन को पहले नहीं रखा जाता। साफ-सुथरे कोच, उच्च गुणवत्ता का भोजन और समय की पाबंदी इसकी सबसे बड़ी पहचान है। यह ट्रेन नई दिल्ली को देश के लगभग सभी प्रमुख महानगरों से जोड़ती है, जिससे यह यात्रियों की पहली पसंद बनी रहती है।
राजधानी एक्सप्रेस पहली बार 1969 में शुरू की गई थी, और इसकी पहली सेवा नई दिल्ली से हावड़ा (कोलकाता) के बीच चली। यह भारत की पहली ऐसी ट्रेन थी जिसने लंबी दूरी के सफर को काफी कम समय में पूरा करने का अनुभव दिया। राजधानी पूरी तरह वातानुकूलित थी, जो उस दौर में एक बेहद आधुनिक और प्रीमियम सुविधा मानी जाती थी। इसकी सफलता के बाद सरकार ने दिल्ली को मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, रांची, गुवाहाटी सहित कई बड़े शहरों से जोड़ने के लिए कई और राजधानी ट्रेनों की शुरुआत की, जिससे यह वर्ग भारतीय रेलवे की पहचान बन गया।
राजधानी एक्सप्रेस अपनी तेज रफ्तार और समय पर पहुंचने की आदत के लिए जानी जाती है। इसकी अधिकतम गति 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, हालांकि कई रूटों पर इसकी औसत गति लगभग 88–90 किमी/घंटा रहती है। मुंबई–नई दिल्ली तेजस राजधानी एक्सप्रेस 140 किमी/घंटा तक की गति हासिल करने वाली देश की सबसे तेज ट्रेनों में शामिल है। रेलवे ने हाल के वर्षों में राजधानी के कोचों को LHB (जर्मन डिजाइन) में अपग्रेड किया है, जिससे इसकी स्पीड, स्थिरता और सुरक्षा और भी बेहतर हो गई है।