Shivani Gupta
7 Nov 2025
Mithilesh Yadav
7 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा ने मिशन 2023 की फतह के लिए इस बार चुनावी प्रबंधन और प्रचार से लेकर प्रत्याशी चयन में भी नई रणनीति लागू की है। इसके तहत चुनाव आचार संहिता के पहले तक तीन किस्तों में करीब 125 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया जाएगा। साथ ही सभी 230 सीटों पर बड़े नेताओं का धुंआधार प्रचार एवं चुनावी सभाएं भी करा ली जाएं ताकि चुनावी खर्च का मीटर डाउन होने के पहले ही प्रचार का आधे से ज्यादा काम निपटा लिया जाए। इसके बाद हाई- प्रोफाइल, कश्मकश वालीं और मंत्री-विधायकों की सीटों पर प्रत्याशियों का फैसला अंतिम दौर तक चलता रहेगा। कई सीटों पर भाजपा चौंकाने वाले और नए चेहरे भी मैदान में उतारेगी। भाजपा, मप्र का यह प्रयोग और पैटर्न देश के अन्य राज्यों के विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी अपनाएगी।
भाजपा की रणनीति है कि चुनावी शंखनाद और पहले दिन से ही प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पर मानसिक दबाव और बढ़त बनाए रखना। यह पहला मौका है, जब भाजपा ने 39 प्रत्याशियों की पहली सूची चुनाव से करीब 100 दिन पहले ही जारी कर दी। भाजपा की 103 हारी हुई सीटें हैं, इन सभी के साथ कुछ ऐसी विधानसभा सीटें जहां प्रत्याशी के नाम को लेकर कोई असहमति नहीं है। इसलिए चुनाव आचार संहिता के पहले 3 किस्तों में ऐसी लगभग सवा सौ सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा। इसके बाद हाई प्रोफाइल और जोर-आजमाइश वाले क्षेत्रों के साथ कांग्रेस को सस्पेंस में रखने कई क्षेत्रों में डाल-डाल और पात-पात वाली ट्रिक भी अपनाई जाएगी।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2018 के चुनावी नतीजों और गलतियों से सबक लेकर भाजपा हाईकमान ने इस बार चुनाव जंग की तकनीक भी बदल दी। अलग-अलग मोर्चों पर कई टीम एक साथ आक्रामक अंदाज में काम शुरू कर चुकी हैं। चुनावी घोषणा पत्र जारी होने के पहले ही घोषणाओं का सिलसिला चल रहा है। आचार संहिता लागू होने के पहले ही सभी क्षेत्रों में घर-घर दस्तक और बड़े नेताओं की चुनावी सभाओं का आधा काम निपटाने का लक्ष्य तय किया है।
चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव 2018 के कार्यक्रम का ऐलान 6 अक्टूबर को किया था। उसी दिन से इन सभी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। मप्र में सभी सीटों पर एक ही चरण में 28 नवंबर को वोटिंग और 11 दिसंबर को मतगणना कराई गई थी।
भाजपा हाईकमान ने इस बार चुनाव संचालन और प्रबंधन के सभी सूत्र अपने हाथ में ले लिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनाव संबंधी हर गतिविधि की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर के साथ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव चुनावी प्रभारी की भूमिका में हैं। ये लोग अलग-अलग चुनावी सर्वे की रिपोर्टस का अपडेट लेने के साथ स्वयं भी वोटर्स की नब्ज भी टटोलने में जुटे हैं। प्रदेश में सत्तासं गठन की टीम के साथ इनका समन्वय भी चल रहा है।
(इनपुट-राजीव सोनी)