Hemant Nagle
10 Nov 2025
राजीव सोनी, भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा ने आदिवासी वोट बैंक को साधने इस वर्ग की आरक्षित 47 सीटों पर अभी से नजर केंद्रित कर दी है। प्रदेश में ट्राइबल सीटों को ही सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी माना जाता है। इस वर्ग का झुकाव जिस तरफ हो अमूमन सरकार उसकी ही बनती आई है। 2018 में ट्राइबल जनाधार सिमटने से भाजपा को बहुमत नहीं मिला जबकि 2023 में सीटें बढ़ते ही पार्टी सरकार में लौट आई। यही वजह है कि भाजपा ने जनजाति बहुल क्षेत्रों में जबरदस्त कैंपेन शुरू करने की योजना बनाई है। मप्र में सत्ता की चाबी माने जाने वाले जनजाति वर्ग की आबादी 2 करोड़ से अधिक करीब 23 फीसदी है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की मौजूदगी में इस आयोजन की रणनीति बनाना तय किया गया है। जनजाति समाज के भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 11 नवंबर से गौरव यात्रा प्रारंभ हो रही है। यह यात्रा 15 नवंबर को आलीराजपुर और जबलपुर में समाप्त होगी। यात्रा के समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली शामिल होंगे।
2023 के चुनाव में 47 सीटों में से भाजपा ने ट्राइबल की 24 सीटें जीती थीं। अमरवाड़ा उपचुनाव (जुलाई 2024) में भाजपा की एक सीट और बढ़ गई। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कमलेश शाह की जीत से भाजपा की सीटें 25 हो गईं। कांग्रेस महज 22 पर सिमट गई जबकि 1 सीट (सैलाना) नए दल भारत आदिवासी पार्टी के पास चली गई। जबकि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 47 में से 31 सीटों पर कब्जा कर लिया था। हालांकि 15 महीने बाद ही सियासी उथल-पुथल से भाजपा फिर सत्ता पर काबिज हो गई। यही कारण है कि सत्ता के लिए निर्णायक ट्राइबल वोटर्स के मामले में भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। पार्टी हाईकमान ने चुनाव के तीन साल पहले से ट्राइबल वोटर्स को साधने की कवायद शुरू कर दी है।
मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, हरदा, अनूपपुर, डिंडोरी, झाबुआ, धार, रतलाम, अलीराजपुर, देवास, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, शहडोल, बैतूल, कटनी, जबलपुर, उमरिया, सीधी और सिंगरौली।
भाजपा जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज टेकाम का कहना है कि जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 47 में से भाजपा के पास अभी 25 सीटें हैं। जनजाति समाज का झुकाव पूर्व से ही भाजपा के साथ रहा है। 24 जिलों में आरक्षित सीटें हैं जबकि कुल 105 जिलों में ट्राइबल निर्णायक संख्या में है। पार्टी का प्रयास है कि जनाधार और बढ़े।