Naresh Bhagoria
28 Dec 2025
Shivani Gupta
28 Dec 2025
Naresh Bhagoria
28 Dec 2025
Manisha Dhanwani
28 Dec 2025
भोपाल। गुजरता हुआ साल-2025 राजधानी के लिए कुछ बड़ी उपलब्धियां लेकर आया। साल की शुरुआत अच्छी हुई और वर्ष के अंत में भी बड़ी सौगात मिली। इसके अलावा राजधानी को नई रंगत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। हेल्थ के क्षेत्र में कई उपलब्धियां खाते में जुड़ी, शहर के अस्पतालों ने कई बड़े कीर्तिमान बनाए।

2025 की शुरुआत शहर पर लगे 40 साल पुराने दंश के खात्मे के साथ हुई । दरअसल यूनियन कार्बाइड परिसर में दफन यूनियन कार्बाइड (यूका) के कचरे का निस्तारण किया गया। एक जनवरी को यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के गोदाम में रखे 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा खत्म करने की शुरुआत हुई। इस कचरे को 12 विशेष कंटेनरों में पीथमपुर स्थित रामकी एनवायरो साइट पर भेजा गया। इसके लिए 250 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस कचरे को ले जाने के लिए विशेष लीक प्रूफ कंटेनरों का इस्तेमाल किया गया था। टाइटेनियम से बने यह कंटेनर इतने मजबूत थे कि आग, दुघर्टना सहित किसी भी घटना में यह लीक नहीं होते। मालूम हो कि 2005 में रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज को प्लांट में फैले कचरे को इकट्ठा करने का टेंडर मिला था। तब फैक्ट्री में 4 तरह के 347 टन रासायनिक कचरे को प्लास्टिक बैग और लोहे के ड्रम्स में पैक कर आरसीसी की फर्श वाले गोदामों में भरा गया था। इस कचरे में से 10 टन का परीक्षण रामकी एनवायरो में किया गया था।

मौजूदा साल में सबड़े बड़ी सौगात की बात करें तो शहर में मेट्रो जैसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिली है। भोपाल मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर (एम्स से सुभाष नगर) तक 20 दिसंबर से मेट्रो चलना शुरू हो गई है। यह रूट 7.5 किमी लंबा है, जिसमें आठ मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। मेट्रो का न्यूनतम किराया 20 और अधिकतम 30 रुपए तय किया गया है। सेकंड फेस में करोंद से सुभाष नगर तक 9 किमी रूट तैयार किया जा रहा है। यह रूट करोंद से डीआईडी बंगला, सिंधी कॉलोनी और भोपाल टॉकीज, नादरा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, भारत टॉकीज, पुल बोगदा वाया सुभाष नगर होगा।

शहर की पहचान माने जाने वाली लो फ्लोर बसें पूरी तरह से कंडम होकर गैराज में ही खड़ी रहीं। कभी शहर में 300 से ज्यादा लोकल बसें चलती थीं, अब शहर में 67 बसें ही बची हैं। इनमें से भी अधिकतर कंडम हो चुकी हैं। हालात यह है कि हर रोज 40 हजार से ज्यादा यात्री बस स्टाप पर इंतजार करते हैं।

साल 2025 प्रदेश की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। भोपाल स्थित एम्स में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट की सफल शुरुआत हुई और वर्ष के अंत तक कुल तीन हार्ट ट्रांसप्लांट किए गए। यह उपलब्धि इसलिए भी खास रही, क्योंकि मप्र के किसी भी सरकारी अस्पताल में इससे पहले हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। तीन हार्ट ट्रांसप्लांट के साथ 75 किडनी ट्रांसप्लांट, 35 लिवर ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं।

हमीदिया अस्पताल में मरीजों को बड़ी सौगातें मिलीं। यहां लंबे इंतजार के बाद करीब 8 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक कैथ लैब की शुरूआत की गई। इस नई मॉडर्न कैथ लैब की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें हार्ट एंजियोग्राफी या एंजियोप्लास्टी के दौरान डाई का उपयोग बेहद कम मात्रा में किया जाएगा। आम तौर पर यह डाई किडनी पर असर डालती है, जिससे किडनी पेशेंट्स को जांच कराने में डर रहता है। लेकिन इस नई तकनीक के कारण अब उनकी किडनी पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा और वे बिना जोखिम जांच व इलाज करा सकेंगे।

भोपाल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के आरामदायक ठहराव के लिए प्रदेश का पहला पॉड होटल खुल चुका है। स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर यह पॉड होटल बनाया गया है, जिसमें दो तरह के पॉड उपलब्ध हैं, इसमें सिंगल और फैमिली पॉड शामिल हैं।

अगस्त में भोपाल में एक बार फिर नशे की अवैध फैक्ट्री पकड़ाई है। यहां से 92 करोड़ रुपए कीमत की 61.2 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स जब्त की गई है। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने ऑपरेशन 'क्रिस्टल ब्रेक' चला कर इस अवैध दवा निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ किया है। अभियान के दौरान सूरत और मुंबई पुलिस ने भी डीआरआई की मदद की है। जगदीशपुर इलाके में अवैध नशे की फैक्ट्री चल रही थी ।