इंदौर – शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर भैरव घाट में आज भी कई ऐसे खतरनाक मोड़ और अंधे स्थान हैं, जिनकी वजह से यहां मौत लगातार तांडव करती रहती है। सरकार द्वारा तेजाजी नगर इलाके से सिक्स लेन का कार्य तेजी से चलाया जा रहा है, फिर भी भैरव घाट क्षेत्र में अब भी कई ऐसे स्पॉट हैं जहाँ आए दिन हादसे होते रहते हैं।
खंडवा और ओंकारेश्वर की ओर आने-जाने वाले यात्रियों को कभी जाम तो कभी दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। इन घाट सेक्शनों में सबसे बड़ी दिक्कत मोबाइल नेटवर्क की है। टॉवर न होने के कारण हादसों के बाद सूचना देने में देर हो जाती है, जिससे मदद समय पर नहीं पहुंच पाती। अक्सर जाम लगने के बाद किसी दोपहिया या चारपहिया वाहन चालक द्वारा जब पुलिस कंट्रोल को सूचना दी जाती है, तभी किसी तरह से सहायता मौके पर पहुँच पाती है।
10 मिनट पहले ही ड्राइवर ने पी थी शराब
बस हादसे के चश्मदीद यात्री गौरव ने बताया कि सोमवार सुबह उन्होंने पहले महाकाल दर्शन किए, इसके बाद दोपहर में ओंकारेश्वर दर्शन के लिए निकले थे। शाम 7 बजे दर्शन के बाद वे माँ शारदा ट्रेवल्स की बस में सवार हुए। बस को ड्राइवर और कंडक्टर ने खचाखच भर लिया था। 
(2) जुलाई 2023: घाट पर एक मल्टी-व्हीकल (कई वाहनों की भिडंत हुई। एक की मौत और 11 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
(3)दिसंबर 2022: दो यात्री बसों के बीच आमने-सामने की भीषण टक्कर में 25 से 30 यात्री घीयल हुए थे। 
(4) जुलाई 2022: दो टकों के बीर आमने-सामने की टक्कर में दोनों ट्रकों के क्लीनर की जिंदा जलने से मौत हो गई थीं।
(5) जून 2022: इंदौर से खंडवा जा रही यात्रीबस भेरूघाट पर 100 फीट गहरी खाई में गिरने से6 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग धायल हुए थे।
(6) अक्दूबर 2021: भैरव पर दो बसों की आमने-सामने की भिड़ंत में एक महिला की मौत और 15 यात्री घायल हुए थे।