इंदौर। सागर से अपने भाई की जमानत के लिए आया युवक मां द्वारा भेजे गए रुपए अय्याशी में उड़ा बैठा। जब जेब खाली हुई और जमानत कराने के लिए पैसे नहीं बचे तो दोस्तों संग चोरी का प्लान बना डाला। बदमाशों ने विजय नगर इलाके में एचपी लैपटॉप शोरूम में चोरी की वारदात को अंजाम दिया, लेकिन खाटू श्याम मंदिर भागने से पहले ही पुलिस ने उन्हें माल सहित गिरफ्तार कर लिया।
 
पुलिस के मुताबिक, यह कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है। सागर निवासी अनुराग उर्फ मयंक सोनी को हीरा नगर पुलिस ने अक्टूबर माह में आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था। यह खबर जब उसकी मां को लगी, तो उसने बेटे की जमानत के लिए 10 हजार रुपए देकर दूसरे बेटे सन्नी सोनी को इंदौर भेजा।
चोरी कर पैसे जुटाने की योजना बनाई थी -
 
इंदौर पहुंचने पर सन्नी की मुलाकात सागर के ही रहने वाले नरेंद्र विश्वकर्मा और सत्या उर्फ सत्यम तिवारी से हुई। पुराने दोस्तों के साथ सन्नी ने जमानत के रुपए मौज-मस्ती में उड़ा दिए। पैसे खत्म होने पर उसे भाई की जमानत की चिंता सताने लगी। इसी बीच तीनों ने चोरी कर पैसे जुटाने की योजना बनाई।  रात में घूमते हुए उन्हें स्कीम नंबर 54 स्थित एचपी लैपटॉप शोरूम नजर आया। मौका देखकर तीनों ने वहां से करीब 50 हजार रुपए नकद और छह लैपटॉप उड़ा लिए। योजना थी कि चोरी का माल बेचकर कुछ रुपए लेकर खाटू श्याम मंदिर जाएंगे और बाकी पैसे से जमानत कराएंगे। मगर इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। 
थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल ने बताया की स्कीम नंबर 54 में एक लैपटॉप कंपनी के शोरूम में चोरी करने के मामले में नरेंद्र पुत्र भगत सिंह विश्वकर्मा, सन्नी उर्फ सुनील पुत्र माधव सोनी निवासी बड़ा बाजार विवेकानंद वार्ड और उनके साथी सत्यम पुत्र कृष्णा तिवारी निवासी दमोह को पकड़ा है। आरोपियों के पास से करीब 6 लैपटॉप, कुछ एक्सेसरीज और 50 हजार रुपए नकद मिले हैं। आरोपियों ने 28 से 29 अक्टूबर की रात में यहां चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। तीनों पर चोरी, लूट के अपराध हैं। आरोपी दमोह इलाके में सक्रिय हैं। नरेंद्र पर यहां कई थानों में करीब 11 और सन्नी पर 14, वहीं सत्यम पर करीब 17 मामले दर्ज हैं। 
 
ताला तोड़े तो भी होगा यही हश्र- 
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि शहर में चोर या बदमाशी करने वालों का ऐसा हश्र होना चाहिए जिससे समाज में एक स्पष्ट संदेश जाए। शहर की जनता को पुलिस पर पूरा भरोसा होना चाहिए। वर्दी को देखकर जनता के मन में यह विश्वास पैदा होना चाहिए कि उनके रहते हुए सभी सुरक्षित हैं