Naresh Bhagoria
21 Dec 2025
बालाघाट। जिले के लांजी क्षेत्र के चौरिया गांव से नक्सलियों ने एक आदिवासी युवक का अपहरण कर लिया। अपहरण के बाद नक्सलियों ने लाल स्याही से लिखे दो पर्चे भी गांव में फेंके। पर्चों में लिखा है कि युवक पुलिस की मुखबिरी करता था और इसलिए उसे "मौत की सजा" दी गई है।
लापता युवक का नाम देवेंद्र उर्फ धदू है। आईजी संजय कुमार ने अपहरण और पर्चे मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आशंका है कि माओवादी पार्टी की मलाजखंड एरिया कमेटी ने इस घटना को अंजाम दिया है। हालांकि, युवक के मिलने के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
पर्चों में लिखा है कि देवेंद्र ने कई बार माओवादी दल की जानकारी पुलिस तक पहुंचाई थी। वह पुलिस को नक्सलियों के डेरा और गतिविधियों की खबर देता था। यहां तक कि वह पुलिस चौकी तक दही-दूध भी पहुंचाता था। इन सब आरोपों की वजह से नक्सलियों ने उसे ‘पुलिस मुखबिर’ करार दिया।
नक्सलियों ने पर्चों में ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि कोई भी पुलिस का मुखबिर न बने, वरना उसे भी सख्त सजा मिलेगी। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि अपने गांव में ऐसे लोगों को सुधारा जाए।
दूसरे पर्चे में नक्सलियों ने पुलिस पर निशाना साधा। उसमें लिखा गया कि पुलिस गरीब लोगों को आपस में लड़वाती है, विस्थापित करती है और उन्हें लूटती है। पुलिस को उन्होंने ‘सामंतवादी और साम्राज्यवादी ताकतों का रक्षक’ बताया।
बालाघाट पुलिस ने जिले में मिशन-2026 शुरू किया है, जिसके तहत नक्सलियों का पूरी तरह खात्मा करना लक्ष्य है। पुलिस जंगलों में दबाव बनाकर उनके नेटवर्क को तोड़ने और नक्सली विचारधारा को खत्म करने की कोशिश कर रही है।