Mithilesh Yadav
9 Sep 2025
Aniruddh Singh
9 Sep 2025
अशोक गौतम
भोपाल। नगरीय निकाय अक्सर तंगी को लेकर सरकार के सामने कभी भी हाथ फैलाते रहते हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली के सैकड़ों अस्थाई कनेक्शन लेकर सालों तक बिना उपयोग के बिजली बिल जमा करते हैं। इस बात का खुलासा विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा निकायों को दिए गए बिजली के कनेक्शन की रिपोर्ट में हुआ है। चूंकि निकायों के बिजली का बिल सरकार चुंगी क्षतिपूर्ति के रूप में जमा करती है। इसलिए अब इसका आकलन शुरू हो गया है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि प्रदेश के सभी 413 निकायों में 611 अस्थाई कनेक्शन सालों से चल रहे हैं। इनमें से भोपाल में 38 और इंदौर नगर निगम में इनकी संख्या 24 है।
कई कनेक्शन तो ऐसे भी सामने आए हैं, जो कागजों में चल रहे हैं। इसे देखते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग आयुक्त संकेत भोंडवे ने निकायों से इस संबंध में जवाब मांगा है। निकायों से यह पूछा गया है कि कितने अस्थाई कनेक्शन हैं जो वर्षों से चल रहे हैं। इस संबंध में अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करने के लिए कहा गया है।
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यह कनेक्शन गर्मी के समय बोर के पानी की सप्लाई, नगरीय निकायों के जरिए मेला कैंप, स्ट्रीट लाइट सहित विभिन्न कार्यक्रमों के लिए लिए गए थे। इन कनेक्शनों को न तो कटवाया जा रहा है और न ही बिल जमा कराया जा रहा है।
निकायों को जितने किलोवॉट की जरूर है, उससे ज्यादा डिमांड बताई गई है। उदाहरण के तौर पर इंदौर नगर निगम को 58915 किलोवॉट की जरूरत है, लेकिन डिमांड 60993 किलोवॉट कीर् है। जबलपुर ने 2657 केवी की डिमांड की है, लेकिन 1136 केवी की वास्तविक डिमांड है। इसी तरह से अन्य निकाय बिना आकलन के लोड फैक्टर ज्यादा बताकर बिजली के बिल का बोझ झेल रहे हैं।
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इन 611 अस्थाई कनेक्शनों हर माह करीब डेढ़ करोड़ रुपए से बिजली बिल आता है। अस्थाई कनेक्शनों के चार्ज स्थाई कनेक्शनों से ज्यादा होते हैं। इसके अलावा लोड फैक्टर के हिसाब से विद्युत वितरण कंपनियां न्यूनतम बिल तैयार करती हैं।
1. भोपाल में स्मार्ट सिटी परियोजना अब पूरी होने पर है, उसके करीब 7 कनेक्शन आज भी अस्थाई हैं। यहां पर निर्माण परियोजना सहित अन्य के लिए कनेक्शन लिए गए थे।
2. इंदौर में पुराने परदेसीपुरा में मेला के नाम पर अस्थाई कनेक्शन आयुक्त के नाम पर लिया गया था। इस कनेक्शन के बिल का भुगतान पिछले कई वर्षों से नगर निगम कर रहा है। इस तरह के कनेक्शन इंदौर में एक दर्जन से अधिक हैं। हालांकि ज्यादातर अस्थाई कनेक्शन पानी सप्लाई को लेकर लिए गए थे।
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बिजली बचत के लिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। निकायों में बहुत सार बिजली के कनेक्शन कई सालों से स्थाई चल रहे हैं। अधिकारियों से यह कहा गया है अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कराएं। वहीं स्ट्रीट लाइन में टाइमर लगाए।
कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री, नगरीय विकास एवं आवास विभाग