Hemant Nagle
22 Dec 2025
ग्वालियर। राज्य साइबर पुलिस जोन ग्वालियर को एक बड़ी कामयाबी मिली है। नौ साल पहले रिलायंस कंपनी का टावर लगाने के नाम पर 52 लाख से ज्यादा की ठगी कर फरार चल रहे कॉल सेंटर गिरोह के मास्टरमाइंड कुमार पिंटू को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी पुलिस से बचने के लिए साधु का भेष धारण कर अखाड़े में रहने लगा था और कुंभ जैसे आयोजनों में पुलिसकर्मियों के साथ उठता-बैठता था।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पहचान छुपाने के लिए दिल्ली, बिहार और उत्तराखंड के फर्जी पहचान पत्र भी बनवा रखे थे, जिनका इस्तेमाल वह जरूरत पड़ने पर करता था। गिरोह के अन्य 5 सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
राज्य साइबर पुलिस जोन ग्वालियर के एसपी प्रणय नागवंशी ने बताया कि आरोपी कुमार पिंटू की दिल्ली से बिहार जाते समय प्रयागराज में मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। डीएसपी संजीव नयन शर्मा के निर्देशन में निरीक्षक मुकेश नारौलिया और उनकी टीम ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर घेराबंदी कर उसे धर दबोचा। गिरफ्तार करने के बाद आरोपी को ग्वालियर लाया गया है और उससे पूछताछ जारी है।
गिरफ्तार आरोपी कुमार पिंटू, मूल रूप से वैशाली (बिहार) का रहने वाला है और पूर्व में बैंक कर्मचारी रह चुका है। इस वजह से उसे बैंकिंग के सभी लूपहोल्स की जानकारी थी, जिसे वह ठगी में इस्तेमाल करता था।
साल 2015 में उसने ग्वालियर के शशांक स्वामी नामक व्यक्ति से रिलायंस कंपनी का टावर लगवाने के नाम पर ₹52,24,723 की ठगी की थी। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
पुलिस जांच में सामने आया है कि कुमार पिंटू दिल्ली में बैठकर फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था, जहां से वह इंश्योरेंस पॉलिसी, मोबाइल टावर और लोन जैसे फर्जीवाड़े कर रहा था। पुलिस से बचने के लिए उसने तीन अलग-अलग राज्यों के फर्जी दस्तावेज बनवा लिए थे।
आरोपी न केवल ठगी करता था, बल्कि डॉक्यूमेंट टेम्परिंग में भी माहिर था। उसकी गैंग में बैंककर्मी और अन्य तकनीकी जानकार शामिल थे। पुलिस को शक है कि यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। अब तक गैंग के 5 सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि मुख्य आरोपी अब जाकर पुलिस के हत्थे चढ़ा है। उससे कई अन्य मामलों में भी पूछताछ की जा रही है।
राज्य साइबर पुलिस जोन ग्वालियर के डीएसपी संजीव नयन शर्मा ने बताया कि आरोपी की तलाश पिछले 9 साल से की जा रही थी। वह लगातार अपनी पहचान बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था। लेकिन एक पुख्ता सूचना ने पुलिस को बड़ी सफलता दिलाई। अब आरोपी से पूछताछ कर गिरोह से जुड़ी अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
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