Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
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Mithilesh Yadav
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अशोक गौतम
भोपाल। सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी वेद प्रकाश शर्मा, विनोद शर्मा और एनबीएस राजपूत के खिलाफ कोर्ट में अभियोजन की स्वीकृति देने के लिए लोकायुक्त को मना कर दिया है। तीनों पर लोकायुक्त ने स्वेच्छा अनुदान वितरण में गड़बड़ी का मामला वर्ष 2017 में दर्ज किया था। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस मामले में प्रक्रियात्मक गड़बड़ी बताते हुए तत्कालीन महापौर समीक्षा गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा और पार्षद डॉ. अंजली रायजादा ग्वालियर को जिम्मेदार ठहराते हुए 3 वर्ष तक चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं होने के लिए आदेश जारी किया है।लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज होने के बाद विभाग ने जांच में पाया कि नगर निगम ग्वालियर में तीनों तत्कालीन आयुक्तों में से किसी भी आयुक्त द्वारा किसी भी व्यक्ति या संस्था को आर्थिक सहायता या अनुदान पुरस्कार स्वरूप राशि देने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है और न ही कोई आदेश दिया गया है।
चुने गए जन प्रतिनिधियों में से दो तिहाई से अधिक मत से स्वेच्छानुदान स्वीकृति के क्रम में महापौर एवं समिति के द्वारा आर्थिक सहायता देने की स्वीकृति दी गई है। इस मामले में यह भी तर्क दिया गया है कि इस मामले की जांच स्थानीय संपरीक्षक से कराई गई थी, इसने रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी का उल्लेख नहीं किया है। तीनों आयुक्तों ने सभी हितग्राहियों को एकाउंटपेयी चेक की राशि दी है। आयुक्तों का काम राशि जारी करने का था, स्वीकृति देने का अधिकार महापौर समिति का था।
ग्वालियर नगर निगम में तत्कालीन आयुक्त वेद प्रकाश शर्मा, विनोद शर्मा और एनबीएस राजपूत के समय में कैंसर, किडनी सहित तमाम गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शहर के 19 लोगों को इलाज के लिए राशि जारी की गई थी। इसके लिए नगर निगम परिषद और मेयर इन कांउसिल ने महापौर सहित तीन सदस्य समिति बनाई थी। समिति ने उक्त मामलों को राशि देने का निर्णय लिया था। निर्णय के आधार पर पीड़ितों को राशि उक्त तीनों आयुक्तों के जरिए जारी की थी। इस मामले की एक शिकायत वर्ष 2016 में लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर में दर्ज की गई थी, वर्ष 2017 में इस मामले में लोकायुक्त ने तीनों पूर्व आईएएस अधिकारियों सहित महापौर, नेता प्रतिपक्ष और एक पार्षद के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। लोकायुक्त ने जांच कर मामला सही पाए जाने पर विभाग से इनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी।
जांच और परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन नगर निगम आयुक्त ग्वालियर वेद प्रकाश शर्मा, एनबीएस राजपूत और विनोद शर्मा को अभियोजन की स्वीकृति देने से मना कर दिया गया है। इन पर जो आरोप लगाए गए थे, उसमें इनकी संलिप्तता नहीं पाई गई है। इस संबंध में लोकायुक्त कार्यालय को भी वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है।
-संजय दुबे, एसीएस, नगरीय विकास एवं आवास