Naresh Bhagoria
9 Nov 2025
Mithilesh Yadav
9 Nov 2025
Naresh Bhagoria
9 Nov 2025
भोपाल। राजा भोज एयरपोर्ट में अब मध्य भारत का सबसे बड़ा मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल (MRO) हब बनने जा रहा है। इस नए हब में बोइंग, एयरबस और एटीआर जैसे विमानों की सर्विसिंग और मरम्मत की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 25 से 30 करोड़ रुपये है और इसे 1.5 एकड़ जमीन पर विकसित किया जा रहा है, जिसमें 5,600 वर्गमीटर का हैंगर और तकनीकी ब्लॉक शामिल होंगे। एयरपोर्ट डायरेक्टर के अनुसार, इस हब का निर्माण मार्च 2026 तक पूरा होने की योजना है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद भोपाल एयरपोर्ट देश के आठ प्रमुख MRO हब में शामिल हो जाएगा, जो विमान मेंटेनेंस और ओवरहाल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट अब केवल उड़ानों के लिए नहीं, बल्कि मध्य भारत का सबसे बड़ा मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल (MRO) हब बनने जा रहा है। यहां बोइंग, एयरबस और एटीआर जैसे विमानों की सर्विसिंग और मरम्मत की सुविधा होगी।
यह प्रोजेक्ट 25 से 30 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसे 1.5 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। हब में 5,600 वर्गमीटर के परिसर में हैंगर और तकनीकी ब्लॉक बनाए जाएंगे। MRO सेंटर के बन जाने के बाद भोपाल एयरपोर्ट पर लाइन और बेस दोनों मेंटेनेंस सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी के अनुसार प्रोजेक्ट मार्च 2026 तक पूरा होने का लक्ष्य है। पहले इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का प्लान था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से समय बढ़ाना पड़ा। इस प्रोजेक्ट पर एयरो टेक्निक कंपनी काम कर रही है।
MRO HUB मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल हब। यह एक ऐसा केंद्र है जहाँ विमानों, हेलीकॉप्टरों और अन्य एयरक्राफ्ट का रख-रखाव, मरम्मत और आधुनिकीकरण किया जाता है। MRO हब में trained इंजीनियर और तकनीशियन काम करते हैं, जो एयरक्राफ्ट के इंजन, एवियोनिक्स सिस्टम, हाइड्रोलिक सिस्टम, और अन्य महत्वपूर्ण पार्ट्स की जाँच, मरम्मत और बदलने का काम करते हैं। MRO हब का मुख्य उद्देश्य यह है कि एयरलाइन अपने विमान को सुरक्षित और उड़ान योग्य बनाए रख सके। इसके माध्यम से एयरलाइन समय पर विमान उपलब्ध करवा सकती हैं, उड़ानों में देरी कम होती है और विमान की जीवन अवधि बढ़ती है। भारत में MRO हब विकसित करने का उद्देश्य घरेलू विमानन सेवा को मजबूत बनाना, विदेशी MRO सेवाओं पर निर्भरता कम करना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है। इसके अलावा, यह विमानन उद्योग की दक्षता और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश के आठ प्रमुख हवाईअड्डों को MRO हब बनाने के लिए भूमि आवंटित की है। अब तक दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, चंडीगढ़ और तेलंगाना में MRO हब संचालित हैं। राजा भोज एयरपोर्ट भोपाल अब देश का आठवां MRO हब बन जाएगा।