
बेंगलुरु। अमेरिका के व्योमिंग राज्य के विशेषज्ञों ने सापों की एक नई प्रजाति की पहचान की है। करीब 3.8 करोड़ वर्ष पहले मृत हुए 3 सांपों के जीवाष्म वर्ष 1976 में विशेषज्ञों को मिले थे। तब से इनकी पहचान एक रहस्य बनी हुई थी। ये तीनों सांपों के कंकाल एक-दूसरे से लिपटे मिले थे। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने इन जीवाश्मों की नस्ल का खुलासा कर दिया है। इन जीवाश्मों की खोज वर्ष 1976 में व्हाइट रिवर फॉर्मेशन में की गई थी।
शोधकर्ताओं ने पहली बार वर्ष 1986 के एक अध्ययन में इनका वर्णन किया था। अलबर्टा विश्वविद्यालय के एक बयान के अनुसार, ये सांप सर्दियों में गर्मी और सुरक्षा महसूस करने के लिए एक साथ लिपटे रहे होंगे। जीवाश्मों से पता चलता है कि ये सांप मरने से पहले गार्टर सांपों की तरह ही समूहों में शीतनिद्रा कर रहे थे।
हाइबरनोफिस ब्रेथौपटी प्रजाति के हैं ये सांप
लिनियन सोसाइटी के जूलॉजिकल जर्नल में 19 जून को प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने जीवाश्मों की अधिक विस्तार से जांच करने के लिए उच्च-रिजॉवल्यूशन सीटी स्कैन का उपयोग किया। विशेषज्ञों ने बताया कि सांप आधुनिक समय के बोआ से संबंधित हैं और एक नई वर्णित प्रजाति के हैं, जिसे हाइबरनोफिस ब्रेथौपटी कहते हैं। हाइबरनोफिस लैटिन शब्द ‘हाइबरनारे’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘सर्दी गुजारना’, वहीं ग्रीक शब्द ‘ओफिस’ का अर्थ ‘सांप’ है।