Naresh Bhagoria
19 Dec 2025
मध्यप्रदेश से इस साल का मानसून पूरी तरह विदा हो गया है। सोमवार को सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा से भी मानसून चला गया। इस बार मानसून 3 महीने 28 दिन तक एक्टिव रहा। 16 जून को प्रदेश में इसकी एंट्री हुई थी।
भले ही मानसून चला गया है, लेकिन बारिश पूरी तरह थमी नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार को किसी भी जिले में बारिश का अलर्ट नहीं है। हालांकि, 15 और 16 अक्टूबर को दक्षिणी मध्यप्रदेश में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
इस बार मानसून की विदाई तीन चरणों में हुई- पहले 12 जिलों से मानसून लौटा, फिर 35 जिलों से और सोमवार को पूरे प्रदेश से इसकी विदाई हो गई।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, दक्षिणी हिस्सों में हल्की बारिश बनी रह सकती है। प्रदेश में हवा का रुख अब उत्तर की ओर से है, जिससे रातें ठंडी होने लगी हैं। उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों-जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में हो रही बर्फबारी की वजह से ठंडी हवाएं मध्यप्रदेश में पहुंच रही हैं। रविवार और सोमवार की रात को कई शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।
इस सीजन में गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश दर्ज हुई। मंडला और रायसेन में 62 इंच से ज्यादा, जबकि श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ऊपर पानी गिरा। वहीं, सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिले रहे-
शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश कम हुई थी। सितंबर में हुई तेज बारिश से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। हालांकि, उज्जैन जिले में अभी भी सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई।
इस बार मानसून के दौरान पूर्वी और उत्तरी मध्यप्रदेश में तेज बारिश हुई। जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में कई बार तेज सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया जिलों में तो बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी। ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश हुई- ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर।