Shivani Gupta
20 Oct 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में वोटर लिस्ट में हेराफेरी और कथित वोट चोरी को लेकर बवाल छिड़ गया है। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोमवार को भोपाल में प्रेस वार्ता कर एक बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश की 27 से अधिक विधानसभा सीटों पर सुनियोजित तरीके से वोट जोड़कर भाजपा को फायदा पहुंचाया गया है।
सिंघार ने प्रेस वार्ता में कहा कि कुछ महीनों पहले लाखों नए मतदाता जोड़े गए, और यह मतदाता वृद्धि उन सीटों पर हुई जहां कांग्रेस के उम्मीदवार बहुत ही कम अंतर से चुनाव हारे। उन्होंने इसे लोकतंत्र के साथ गंभीर खिलवाड़ बताया और निर्वाचन आयोग से जांच की मांग की।
उमंग सिंघार ने अपनी प्रेस वार्ता में तथ्यों, ग्राफिक्स और दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि –
उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरी योजना भाजपा के इशारे पर, **स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन मशीनरी की मिलीभगत से** अंजाम दी गई।
सिंघार ने चेतावनी दी कि अगर निर्वाचन आयोग ने इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नहीं की, तो यह देश और प्रदेश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक उदाहरण बन जाएगा। उन्होंने कहा “अगर जनता का वोट ही सुरक्षित नहीं है, तो फिर चुनाव की पूरी प्रक्रिया बेमानी हो जाएगी। भाजपा जनता के मत को छीनकर सत्ता में बनी रहना चाहती है।”
उमंग सिंघार के आरोपों पर बीजेपी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा- “कांग्रेस नेता बार-बार भारत के संविधान, न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर संदेह कर रहे हैं। हार स्वीकार करने की जगह वे लोकतंत्र पर ही सवाल उठा रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा- “अगर 700, 400 या 1300 वोटों से कांग्रेस के कई नेता भी चुनाव जीते हैं, तो क्या उन सभी सीटों पर कांग्रेस ने वोट चोरी की है?”*
रामेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल ही भारत में सबसे बड़ी 'वोट चोरी' थी, और कांग्रेस उसी तानाशाही परंपरा को आज भी दोहरा रही है।