Peoples Reporter
27 Oct 2025
Shivani Gupta
27 Oct 2025
Priyanshi Soni
27 Oct 2025
Mithilesh Yadav
27 Oct 2025
Priyanshi Soni
27 Oct 2025
भोपाल/उज्जैन। मध्यप्रदेश के गौरव और संस्कृति का प्रतीक विक्रमोत्सव 2025 एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुआ है। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा आयोजित इस भव्य महोत्सव को ईमैक्स ग्लोबल अवार्ड्स 2025 में लॉन्गस्टैंडिंग आईपी ऑफ द ईयर (Longstanding IP of the Year) श्रेणी का अवार्ड प्रदान किया गया है। ईमैक्स की टीम भोपाल आकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को यह सम्मान भेंट करेगी। यह गौरव इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसी वर्ष विक्रमोत्सव को पहले ही WOW Awards Asia 2025 में स्पेशल इवेंट ऑफ द ईयर (गवर्नमेंट) श्रेणी में गोल्ड अवार्ड मिल चुका है। पिछले वर्ष विक्रमोत्सव 2024 को एशिया का बिगेस्ट रिलीजियस अवार्ड भी हासिल हुआ था।
मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार एवं महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा कि यह सम्मान न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे भारत की संस्कृति के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव अब केवल सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा, गौरव और मूल्यों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का सेतु बन चुका है।
इस महोत्सव ने हमारे शास्त्र, कला, संगीत, नृत्य और साहित्य को आधुनिक समय की मांगों के साथ जोड़ा है, जिससे विश्वभर में भारतीय संस्कृति की गरिमा और प्रासंगिकता और अधिक बढ़ी है। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति समर्पण को समर्पित किया। तिवारी ने कहा कि विक्रमोत्सव ने युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ा है और विदेशी मेहमानों को भारतीय संस्कृति की गहराई से परिचित कराया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विक्रमोत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह आयोजन सम्राट विक्रमादित्य के गौरव और वैभव को जन-जन तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह आयोजन युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़कर आत्मविश्वास और कर्तव्यनिष्ठा से परिपूर्ण नागरिक बनाने में मददगार होगा।
विक्रमोत्सव 2025 में इस बार 300 से अधिक सांस्कृतिक और बहुआयामी गतिविधियां आयोजित की गईं। इन गतिविधियों में लाखों लोग प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए, जबकि सोशल मीडिया के माध्यम से करोड़ों लोग जुड़े।
महोत्सव में प्रमुख आकर्षण रहे – शिवरात्रि मेले, कलश यात्रा, विक्रम व्यापार मेला, संगीत-नृत्य-वादन प्रस्तुतियां, विक्रम नाट्य समारोह, चित्र प्रदर्शनियाँ, राष्ट्रीय विज्ञान और इतिहास समागम, वेद अंताक्षरी, शिल्प कला कार्यशालाएं, विक्रम पंचांग का प्रकाशन, पौराणिक फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और 1000 ड्रोन्स की भव्य प्रस्तुति। इसके अलावा देश-विदेश के ख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियों ने महोत्सव को वैश्विक पहचान दिलाई।
ईमैक्स ग्लोबल अवार्ड मिलने के बाद विक्रमोत्सव ने यह साबित कर दिया है कि उज्जैन की धरती न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि वह भारतीय संस्कृति की ध्वजा को विश्व पटल पर ऊंचा करने का प्रमुख मंच भी है। यह उपलब्धि आने वाले वर्षों में विक्रमोत्सव को अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संवाद का सबसे बड़ा मंच बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।