Peoples Reporter
8 Oct 2025
Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
नई दिल्ली। केंद्र की सत्ता में काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बुधवार को उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में अपनी ताकत और एकजुटता दिखा दी। एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने संसद भवन में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मौजूद रहे और उन्होंने राधाकृष्णन के नामांकन पत्र पर मुख्य प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए।
जब राधाकृष्णन अपना नामांकन भरने जा रहे थे उस दौरान पीएम मोदी आगे-आगे चल रहे थे, बीच में उपराष्ट्रपति कैंडिडेट सीपी राधाकृष्णन थे। उनके बिल्कुल बगल में पीछे की ओर से राजनाथ सिंह मौजूद थे। यह तस्वीरें विपक्ष के लिए साफ संकेत थीं कि इस चुनाव में एनडीए एकजुट होकर मैदान में है।
नामांकन पत्र दाखिल करने के समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत लगभग 160 सांसद और मंत्री मौजूद रहे। नामांकन चार सेटों में दाखिल किया गया, जिनमें से पहले सेट पर प्रधानमंत्री मोदी के हस्ताक्षर थे।
नामांकन से पहले सीपी राधाकृष्णन संसद परिसर स्थित ‘प्रेरणा स्थल’ पहुंचे। यहां उन्होंने महात्मा गांधी की विशाल प्रतिमा के समक्ष नमन किया और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान उनके साथ भाजपा और एनडीए के कई नेता मौजूद थे। राधाकृष्णन ने इसे अपने जीवन का अहम क्षण बताते हुए कहा कि वह संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सर्वोपरि रखेंगे।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष का मानना है कि न्यायिक अनुभव और संवैधानिक समझ रखने वाले प्रत्याशी के रूप में रेड्डी इस पद के लिए उपयुक्त चेहरा हैं। रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि, संसद में संख्याबल को देखते हुए राधाकृष्णन की जीत लगभग निश्चित मानी जा रही है।
चंद्रपुरम पुन्नूसामी राधाकृष्णन, जिन्हें सी.पी. राधाकृष्णन के नाम से जाना जाता है, ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र आंदोलनों से की। वह जल्द ही भाजपा से जुड़ गए और तमिलनाडु की राजनीति में पहचान बनाई। राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में संसद में सक्रिय भूमिका निभाई। जुलाई 2024 में उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
राधाकृष्णन अपने सादगीपूर्ण जीवन और जनसेवा के समर्पण के लिए जाने जाते हैं। 2016 से 2020 तक वह अखिल भारतीय नारियल रेशा बोर्ड के अध्यक्ष रहे और उनके कार्यकाल में नारियल रेशे के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दक्षिण भारत से आने वाले और साफ-सुथरी छवि वाले नेता के रूप में उनकी उम्मीदवारी भाजपा और एनडीए की रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है।