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उज्जैन। आध्यात्मिक पर्यटन को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बुधवार को उज्जैन में दूसरा ग्लोबल स्पिरिचुअल टूरिज्म कॉन्क्लेव ‘रूहMantic’ की शुरुआत हुई। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर Faith and Flow नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि दुनियाभर से हर साल लगभग 1.80 करोड़ लोग हज यात्रा पर जाते हैं और 10 मिलियन उमरा करने पहुंचते हैं। इसके मुकाबले हमें अपने धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों को विकसित करना होगा।
उन्होंने कहा- आने वाले समय में सॉफ्ट पावर हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेगी। चुनौतियां हर देश के सामने हैं लेकिन भारत आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से तेजी से आगे बढ़ रहा है। तीर्थाटन और संत परंपरा ने हमेशा भारत को एक सूत्र में पिरोया है और यह हमारी सबसे बड़ी धरोहर है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर देख रही है। पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण हर दिशा से भारत के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा- हमारी सरकार बाबा महाकाल से लेकर प्रदेशभर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। उज्जैन का विकास महाकाल कॉरिडोर से एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। आने वाले समय में यात्रियों की सुविधाओं और सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास ने कहा कि विश्व स्तर पर स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए 10 प्रमुख शहरों की पहचान है, जिनमें से 4 भारत के हैं – प्रयागराज, अयोध्या, तिरुपति और वाराणसी। उन्होंने कहा- अब तक मध्यप्रदेश का कोई भी शहर इस सूची में नहीं है, लेकिन हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल से जल्द ही उज्जैन इसमें शामिल होगा। उन्होंने यह भी बताया कि महाकाल कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट से उज्जैन का महत्व तेजी से बढ़ा है और यहां आध्यात्मिक चेतना के विकास के लिए नए अवसर तैयार हो रहे हैं।
सम्मेलन में बताया गया कि भारत की जीडीपी का 2.5% हिस्सा केवल आध्यात्मिक पर्यटन से आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सामूहिक प्रयासों से इसे 13% तक बढ़ाया जा सकता है। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में धार्मिक पर्यटन में 20% की वृद्धि हुई है और मध्यप्रदेश के शहर अब टॉप-5 धार्मिक स्थलों की सूची में अपनी जगह बना रहे हैं।
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वीर दुर्गादास जी की छत्री के संरक्षण और विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। यह कार्य मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग और संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा किए जा रहे हैं।
पर्यटन समिति के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने जानकारी दी कि सरकार घाटों, हेलीपैड और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से कार्य कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब केवल संरचनात्मक विकास नहीं, बल्कि कम्युनिटी डेवलेपमेंट पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।