विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (1 अगस्त) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तीखे बयानों के बाद स्पष्ट किया कि भारत-रूस के संबंधों में किसी भी तरह का तनाव नहीं है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत के हर देश के साथ द्विपक्षीय संबंध उसकी अपनी प्राथमिकताओं पर आधारित होते हैं और इन्हें किसी तीसरे देश की नजर से नहीं देखा जा सकता।
रणधीर जायसवाल ने रूस को भारत का ‘समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला साझेदार’ बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक जरूरतों के आधार पर तय होता है।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकोनॉमी’ कहे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते साझा मूल्यों और आपसी हितों पर आधारित हैं। भारत, अमेरिका के साथ एक ठोस और सकारात्मक एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है और भविष्य में भी साझेदारी मजबूत बनी रहेगी।
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया था कि भारत की तेल कंपनियों ने रूसी तेल की आपूर्ति बंद कर दी है। इस पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को लेकर हमेशा व्यावहारिक रुख अपनाता है और बाजार के हालात पर नजर बनाए रखता है। फिलहाल, ऐसी किसी खास जानकारी की पुष्टि नहीं है।
ईरान से व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले को ध्यान में लिया गया है और सरकार इस पर विचार कर रही है।