Mithilesh Yadav
10 Sep 2025
जबलपुर। भोपाल में 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के बहुचर्चित मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दो महिला आरोपियों को दी गई एक साल की सजा को दो साल बनाने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस मामले के मुख्य आरोपी अतुल निहाले को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने कहा है कि निचली अदालत की महिला जज ने एक साल की सजा को दो साल करके घोर अनियमित्ता की है, इसलिए उन पर कार्रवाई होना चाहिए। इस मत के साथ डिवीजन बेंच ने प्रशासनिक स्तर पर फाईल चीफ जस्टिस को भेजने के निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिए हैं।
भोपाल के ईदगाह हिल्स स्थित मल्टी बाजपेयी नगर में रहने वाले अतुल निहाले पर आरोप था कि उसने 24 सितंबर 2024 को 5 साल की एक बच्ची का अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या की और फिर सबूत मिटाने उसके शव को पानी की टंकी में छिपा दिया। इस अपराध में अतुल की मां बसंती बाई और एक अन्य महिला चंचल बाई भालसे ने साथ दिया था। भोपाल के पॉक्सो मामले की विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने 10 मार्च 2025 को फैसला सुनाकर आरोपी अतुल को फांसी और बसंती बाई व चंचल बाई को 2-2 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देकर बसंती बाई और चंचल बाई ने यह अपील हाईकोर्ट में दाखिल की थी।
अपने आदेश में जस्टिस अग्रवाल ने कहा- यह केवल क्लेरिकल एरर नहीं है, बल्कि गंभीर लापरवाही और न्यायिक कार्य में भारी चूक है। अगर मामला सामान्य क्रम में सुनवाई के लिए आया होता तो 27 सितंबर 2024 को गिरफ्तार हुईं दोनों महिला आरोपी 26 सितंबर 2025 के बाद भी जेल में रहतीं। ऐसे में उनके द्वारा जेल में बिताई गई अवधि गैरकानूनी हिरासत की श्रेणी में आती।
सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से अधिवक्ता नवीन वासवानी और शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता मानस मणि वर्मा हाजिर हुए। पूरे रिकार्ड का अवलोकन करके बेंच ने पाया कि फैसले के पैरा क्र. 145 में ट्रायल कोर्ट ने दोनों आरोपी महिलाओं को एक-एक साल की सजा दी थी। इसके बाद फैसले के अंत में वह सजा दो साल कर दी गई। वहीं जुर्माने की रकम अदा न करने पर भी एक माह के अतिरिक्त कारावास को तीन माह कर दिया गया। यह भयंकर त्रुटि है।