भोपाल । एक बार फिर राजधानी भोपाल से सटे इलाकों में बाघ आराम फरमाता हुआ दिखाई दिया है। आज दोपहर कलियासोत इलाके में गश्ती दल को एक बाघ दिखाई दिया। इस टाइगर ने वन विभाग की पेट्रोलिंग टीम को देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, बल्कि वह छांव में निश्चिंत होकर सुस्ताता रहा। इस दौरान पेट्रोलिंग व्हीकल में मौजूद फॉरेस्ट गार्ड्स ने अपने मोबाइल से टाइगर के फोटो और वीडियो लिए। ये फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब भोपाल से सटे इलाके में टाइगर का मूवमेंट देखा गया हो।
विरासत में मिला है इलाका
इस बाघ का नाम
टी 1234 है। भोपाल के डीएफओ आलोक पाठक के मुताबिक इस मेल टाइगर की आयु लगभग साढ़े तीन साल है और इसे पहले भी कैमरे में ट्रेप किया जा चुका है। इस टाइगर को ये इलाका इसकी मां से विरासत में मिला है। यही वजह है कि इस इलाके में इस टाइगर को कई बार देखा गया है।
टी 1234 गश्ती दल की मौजूदगी में करीब बीस मिनट सुस्ताने के बाद वापस कलियासोत के जंगलों में लौट गया। यह बाघ सब-एडल्ट है और इलाके में अपनी परमानेंट टेरेटरी बनाने की कोशिश कर रहा है।
अक्सर रात को आता है वाल्मी के नजदीक
टी 1234 कलियासोत से लेकर वाल्मी और उससे सटे जंगलों में 10 से 12 वर्ग किलोमीटर एरिया में अपनी टेरेटरी बना रहा है। फॉरेस्ट गार्ड्स ने
टी 1234 को अधिकांशत: रात के वक्त ही वाल्मी इलाके तक आते-जाते देखा है। ये संभवता पहली बार हुआ है जब इसका दिन के समय इस एरिया में मूवमेंट रहा हो। डीएफओ के मुताबिक इस एरिया में टी 1234 के अलावा उसकी मां और 3 अन्य शावक भी मौजूद हैं। इसी इलाके में ही एक अन्य बाघिन को भी उसके 3 शावकों के साथ देखा गया है। शहर से सटे इस जंगली इलाके में कुल 9 टाइगर्स का मूवमेंट अब तक वन विभाग को पता चला है। यह टाइगर एक्सपर्ट्स के लिए भी एक अचरज का विषय है।
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