शिवराज सरकार में नर्मदा किनारे रोपे पौधों का मुद्दा फिर उठा
Forest Minister asked for information about 7.25 crore saplings planted in 2017, officials said - 70 percent alive
Publish Date: 26 Jul 2024, 1:56 AM (IST)Reading Time: 2 Minute Read
भोपाल। शिवराज सरकार के समय नर्मदा के किनारे हुए पौधरोपण का मुद्दा फिर से उठ गया है। नव नियुक्त वन मंत्री रामनिवास रावत ने विभाग के अधिकारियों से वर्ष 2017 नर्मदा के किराने रोपे गए सवा सात करोड़ पौधों की जानकारी मांगी है। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि रोपे गए 70 फीसदी से ज्यादा पौधे जीवित हैं, अन्य विभागों की जानकारी नहीं है। मंत्री ने अधिकारियों से कहा मैदानी जानकारी बुलाकर अवगत कराएं।
लैश बैक 2017
सरकार ने दो जुलाई वर्ष 2017 में 20 जिलों में नर्मदा के कैचमेंट एरिया में एक दिन में सवा सात करोड़ पौधे रोपेथे। इसको लेकर कांग्रेस सरकार में तत्कालीन वन मंत्री उमंग सिंघार ने वर्ष 2021 में जांच के निर्देश दिए थे।
कैंपा फंड की शर्त
कैंपा फंड की शर्त है कि 90 फीसदी से अधिक जीवितता का प्रतिशत होने पर ही राशि जारी की जाएगी। वहीं मंत्री ने वर्ष 2021 में हुए सभी वन वृत्तों एक रेंज में बेहतर प्लांटेशन की डाटा सीट बुलाई है।
विभाग का दावा 73% ज्यादा जीवितता का प्रतिशत
वन मंत्री रावत के सामने वन विभाग के अफसरों ने यह दावा किया है कि विभाग के जरिए रोपे गए पौधों के जीवितता का प्रतिशत 73 फीसदी से अधिक है । वर्ष 2021 के बाद में जो पौधे रोपे गए हैं, उनके जीवितता का प्रतिशत 92 से ज्यादा है। इसकी वजह पौधरोपण के पैटर्न में बदलाव है, पहले छोटे पौधे रोपे जाते थे अब कम से कम डेढ़ फिट से अधिक ऊंचाई के पौधे रोपे रहे हैं। हालांकि अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि ये जीवितता का प्रतिशत कैंपा फंड से रोपे पौधों का ग्राफ है अथवा वन विभाग के बजट से रोपे गए पौधों का।
दो जुलाई 2017 में नर्मदा के किनारे रोपे पौधों की स्थिति के संबंध में पूछा है। प्रारंभिक तौर पर यह बताया गया है कि पौधों के जीवितता का प्रतिशत 70 फीसदी से अधिक है। अपडेट और डिटेल जानकारी मैदानों से बुलानी पड़ेगी। यूके सुबुद्धी,पीसीसीएफ, (वर्किंग प्लान) वन विभाग