
हैदराबाद। तेलंगाना बीजेपी में उस वक्त बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया, जब गोशामहल से तीन बार के विधायक टी राजा सिंह ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को भेजा गया। इसका कारण प्रदेश अध्यक्ष पद पर रामचंदर राव की संभावित नियुक्ति से नाराजगी बताया गया है।
कहा-फैसला लाखों कार्यकर्ताओं का अपमान
टी राजा सिंह ने दो पन्नों के इस्तीफा पत्र में लिखा कि यह निर्णय केवल व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का नहीं है, बल्कि लाखों वफादार भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दर्द और हताशा की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं और पर्दे के पीछे से फैसले ले रहे हैं, जो कि पार्टी के जमीनी स्तर के लोगों के साथ अन्याय है।
‘चुप रहना अब मुश्किल है…’ इस्तीफे में जताया गहरा असंतोष
उन्होंने लिखा – मुझे चुप रहना या यह दिखावा करना मुश्किल लग रहा है कि सब ठीक है। यह इस्तीफा पार्टी के उन कार्यकर्ताओं की आवाज है जो खुद को दरकिनार महसूस कर रहे हैं। मैं भाजपा का समर्पित सिपाही रहा हूं, लेकिन अब पार्टी की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रामचंदर राव के नामांकन पर फूटा गुस्सा
माना जा रहा है कि मंगलवार को रामचंदर राव को प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया जाएगा। उनके नामांकन के विरोध में टी राजा सिंह ने यह कदम उठाया। उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा कि पार्टी के पास कई वरिष्ठ, सक्षम और लोकप्रिय विधायक व सांसद हैं, जो नेतृत्व संभाल सकते हैं। फिर भी शीर्ष नेतृत्व को गुमराह कर एकतरफा निर्णय लिया गया है।
2022 में निलंबित हुए थे, 2023 में वापसी हुई थी
टी राजा सिंह को साल 2022 में एक विवादित बयान के चलते पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, हालांकि अक्टूबर 2023 में उनका निलंबन समाप्त कर पार्टी में वापसी हुई थी। वे तीन बार गोशामहल विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं और हिंदुत्व समर्थक बयानों के लिए लगातार सुर्खियों में रहे हैं। उनके खिलाफ 105 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 18 सांप्रदायिक प्रकृति के हैं।
‘हिंदुत्व के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी’
इस्तीफे में टी राजा सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी छोड़ने के बावजूद वे हिंदुत्व की विचारधारा, धर्म और गोशामहल की जनता के लिए समर्पित रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपनी आवाज को और मजबूत तरीके से उठाते रहेंगे।
केंद्र से पुनर्विचार की मांग
टी राजा सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष से अपील की है कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि गलत नेतृत्व के चलते पार्टी को नुकसान हो सकता है, जबकि तेलंगाना में पहली बार सत्ता पाने का मौका है।
क्या कहती है राजनीतिक हवा?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि टी राजा सिंह का इस्तीफा सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि आने वाले समय में तेलंगाना बीजेपी में अंदरूनी असंतोष की शुरुआत हो सकता है। अगर पार्टी नेतृत्व ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो आगामी चुनावों में इसका असर दिख सकता है।