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26 Dec 2025
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प्रवीण श्रीवास्तव
भोपाल। प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने एक बार फिर बड़े स्तर पर तैयारी शुरू दी है। मरीजों के साथ उनके संपर्क में आने वाले लोगों की जांच कर टीबी को पूरी तरह खत्म किया जाना है। विभाग द्वारा इगरा (इंटरफेरॉन गामा रिलीज एसे) टेस्ट अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके लिए 70 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है। जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इगरा टेस्ट 2023 में शुरू किया गया था, लेकिन अब इसे अभियान के रूप में लिया जा रहा है।
गौरतलब है कि सरकार 2030 तक टीबी को पूरी तरह से खत्म करना चाह रही है। इसके लिए टीबी उन्मूलन को अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। मालूम हो कि प्रदेश में टीबी के करीब दो लाख सक्रिय मरीज हैं। बीते सालों में प्रदेश में मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है, लेकिन कुछ जिलों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अब आने वाले समय में अभियान के तहत इन्हीं जिलों पर फोकस किया जाएगा।
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प्रदेश में अभी 1 लाख 80 हजार से ज्यादा टीबी के मरीज मौजूद हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश के 19 जिलों में टीबी के मरीजों की संख्या कम होने के स्थान पर बढ़ गई है। सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी राजधानी भोपाल में हुई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी है। एनएमएच के मुताबिक देश में 2015 के मुकाबले 2023 में टीबी के मरीजों में कमी आई है। 2015 में प्रति लाख जनसंख्या में 237 मामले टीबी के थे, जो 2023 में घटकर प्रति लाख 195 हो गए। इसी तरह 2023 में एक लाख लोगों में 22 लोगों की मौत टीबी से हुई है। 2015 में यह आंकड़ा प्रति लाख 28 लोगों का था। हालांकि मप्र टीबी से मौत के आंकड़ों में देश में टॉप 3 राज्यों में है। 2024 में देश में टीबी से सबसे ज्यादा 14 हजार 229 मौतें उप्र में हुई हैं।
रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पायरेटरी डिसीज के प्रोफेसर डॉ. लोकेंद्र दवे के मुताबिक इगरा टेस्ट खून की जांच के माध्यम से किया जाता है। इसमें मरीज के संपर्क में आए लोगों की जांच कर उनमें टीबी के डिएक्टिव वायरस की पहचान करते हैं। अगर टेस्ट पॉजिटिव होता है तो व्यक्ति को तीन महीने का प्रोफाइल एक्सिस कोर्स दिया जाता है।
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टीबी को खत्म करने के लिए अभियान चला रहे हैं। 2030 तक इसे पूरी तरह खत्म करना है। इगरा टेस्ट के साथ और भी कई योजनाएं और अभियान संचालित किए जा रहे हैं।
सलोनी सिडाना, एमडी, एनएचएम