Aakash Waghmare
21 Oct 2025
Mithilesh Yadav
21 Oct 2025
Priyanshi Soni
21 Oct 2025
Mithilesh Yadav
21 Oct 2025
Aakash Waghmare
21 Oct 2025
अंबरीश आनंद
ग्वालियर। पूरे देश में गणेश मंदिरों की अलग-अलग महिमा है। ऐसा ही एक आस्था का केंद्र है शिंदे की छावनी स्थित लगभग 350 साल पुराना अर्जी वाले गणेश जी का मंदिर। यहां की मूर्ति लाल पत्थर की बनी है। देश में ऐसी दूसरी मूर्ति सिद्ध विनायक (मुंबई) की है। यहां अर्जी लगाकर लोगों की मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर में विशेष रूप से, विवाह योग्य कुंवारे लड़के और लड़कियां शीघ्र विवाह की मनोकामना पूर्ण करने के लिए अपनी अर्जी लगाते हैं। वहीं संतान प्राप्ति, व्यापार में तरक्की और नौकरी की प्राप्ति के लिए, शादीशुदा जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए भी लोग यहां अर्जी लगाने आते हैं। माना जाता है कि यहां अर्जी लगाने वालों की मान्यताएं जल्द पूरी हो जाती हैं।
ये भी पढ़ें: प्रदेशभर के पेट्रोल पंप संचालक सुरक्षा के लिए आज से खटखटाएंगे कलेक्टरों का दरवाजा
यहां के मुख्य पुजारी ललित कुमार खंडेलवाल ने बताया कि गणेश प्रतिमा की स्थापना कैसे हुई और ये कहां से आई इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पुजारी बताते है कि यहां पर किसी की कोई भी अर्जी खाली नहीं जाती है। यहां जो अर्जी लगाने के लिए पहुंचता है, उसकी मनोकामना गणेश जी पूरी करते हैं। मान्यता है कि जब सब रास्ते बंद हो जाएं, उसके बाद मुस्कुराते हुए इन श्री गणेश जी के दरबार में अर्जी लगा दो, बस काम बन जाएगा। यही वजह है कि यहां अर्जी लगाने देश भर से लोग पहुंचते हैं। इसलिए इन्हें अर्जी वाले गणेश कहा जाता है। यहां हर भक्त की मुराद पूरी होती है।
ये भी पढ़ें: एशियाई शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में मिश्रित रुझान, जापान-कोरियाई बाजारों में गिरावट, हांगकांग में तेजी
मुख्य पुजारी ललित कुमार खंडेलवाल बताते हैं कि इस गणेश मूर्ति की खास बात यह है कि इसमें सिंहासन से लेकर मूर्ति तक एक ही पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही गणेश प्रतिमा पर सिंदूर से श्रृंगार किया जाता है। गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। वहीं, बुधवार के दिन इस मंदिर में सैकड़ों की संख्या में दूर-दराज के लोग हस्त लिखित अर्जी लेकर आते हैं और नारियल के साथ श्रीजी के चरणों में रखते हैं।